Natural Ways to Balance Your Hormones: महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित होना एक आम समस्या है. खासकर 28 साल की उम्र के बाद शरीर में कई बदलाव महसूस होते हैं. जैसे- पीरियड्स का अनियमित होना, बिना वजह मूड स्विंग्स होना, पेट के आस-पास फैट बढ़ जाना, बालों का अचानक झड़ने लगना या स्किन का डल हो जाना. इन सब के पीछे हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) सबसे अधिक जिम्मेदार होता है. हालांकि, एक अच्छी बात यह है कि कुछ खास टिप्स अपनाकर महिलाएं हार्मोन्स को बैलेंस भी कर सकती हैं. लाइफस्टाइल और प्रिवेंटिव मेडिसिन एक्सपर्ट डॉक्टर जुबेर अहमद ने 3 ऐसी ही टिप्स बताई हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इसे लेकर अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर किए गए एक वीडियो में डॉक्टर कहते हैं, अगर महिलाएं हर रात सिर्फ 3 मिनट अपने लिए निकालें, तो हार्मोन नेचुरली बैलेंस हो सकते हैं. उन्हें कोई दवा या सप्लीमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी.
क्या करें?स्टेप 1- डिजिटल डिटॉक्स
डॉक्टर जुबेर कहते हैं कि मोबाइल, लैपटॉप या टीवी की ब्लू लाइट हमारे शरीर के स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन को प्रभावित करती है. जब मेलाटोनिन गड़बड़ा जाता है, तो बाकी सभी हार्मोन जैसे एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन भी असंतुलित हो जाते हैं. इसलिए सोने से कम से कम 30 मिनट पहले फोन और स्क्रीन बंद कर दें, कमरे की लाइट डिम करें और चाहें तो किताब पढ़ें या कुछ लिखें. इससे नींद बेहतर होती है और हार्मोन नेचुरल तरीके से बैलेंस होते हैं.
स्टेप 2- वॉर्म ऑयल मसाजसोने से पहले पैरों और निचले पेट पर गुनगुने तिल या अरंडी के तेल से हल्की मालिश करें. इससे शरीर रिलैक्स होता है और कॉटिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) कम होता है. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे ओवरी और यूट्रस को सही पोषण मिलता है. यह पीरियड्स दर्द, मूड स्विंग और थकान में भी बहुत मदद करता है.
स्टेप 3- हार्मोन-सूथिंग ड्रिंकडॉक्टर रात में सोने से पहले हल्दी, जायफल और घी वाला दूध या अश्वगंधा टी पीने की सलाह देते हैं. वे बताते हैं, ये ड्रिंक शरीर को शांत करती हैं, नींद गहरी लाती हैं और एस्ट्रोजेन-प्रोजेस्टेरोन का संतुलन बनाए रखती हैं. साथ ही यह ब्लोटिंग और मीठा खाने की इच्छा को भी कम करती हैं.
स्टेप 4- रात 10:30 बजे तक सो जाएंइन सब से अलग डॉक्टर जुबेर बताते हैं कि शरीर का डिटॉक्स और हार्मोन रीसेट प्रोसेस रात 10 बजे से 2 बजे के बीच होता है. अगर आप देर से सोती हैं, तो लिवर एस्ट्रोजेन को सही से प्रोसेस नहीं कर पाता, जिससे एक्ने, वजन बढ़ना और PMS की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. ऐसे में रात 10:30 बजे तक सो जाएं.
इस तरह बस 4 बातों को ध्यान में रखकर आप हार्मोन्स को नेचुरल तरीके से बैलेंस कर सकती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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