इन वजहों से रहता है कमर के निचले हिस्से में दर्द, जानिए कब डॉक्टर को दिखाना है जरूरी

Lower Back Pain: कमरदर्द तब ज्यादा गंभीर बन जाता है जब इसे नजरअंदाज किया जाता है. कमर के निचले हिस्से में हो रहे दर्द से निपटने का सबसे सटीक तरीका है उसके कारणों को समझना और फिर उसका इलाज करना.

इन वजहों से रहता है कमर के निचले हिस्से में दर्द, जानिए कब डॉक्टर को दिखाना है जरूरी

Back Pain Causes: ज्यादातर इन कारणों से होता है कमर में दर्द.

Healthy Tips: अगर कुर्सी से अचानक उठते हुए या झुकते समय आपको भी कमर के निचले हिस्से में दर्द (Lower Back Pain) महसूस होता है, तो आपको ये जान लेना जरूरी है कि ये दर्द किस वजह से है और कितना गंभीर है. घंटो लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते रहने के चलते ये दर्द अक्सर बढ़ भी जाता है. नतीजा ये है कि कम उम्र में ही लोअर बैक पेन लोगों को जकड़ लेता है. ये समझना जरूरी है कि कमर दर्द (Back Pain) समस्या जरूर है लेकिन कोई बीमारी नहीं है. ये तब ज्यादा गंभीर बन जाता है जब इसे नजरअंदाज किया जाता है. कमर के निचले हिस्से में हो रहे दर्द से निपटने का सबसे सटीक तरीका है उसके कारणों को समझना और फिर उस अनुसार उसका ट्रीटमेंट करना ताकि जल्द राहत मिल सके.

कमर दर्द से जुड़ी जरूरी बातें | ThingsTo Know About Back Pain 

  • ये दर्द वैसे तो 35 से 55 साल की उम्र में बढ़ता है, लेकिन गलत पॉश्चर की वजह से कम उम्र में भी इसका शिकार हो सकते हैं.
  • लोअर बैक पेन (Lower Back Pain) ज्यादा दिन चलने पर एंजाइटी और स्ट्रेस (Stress) का कारण भी बन सकता है.
  • इस दर्द से दूर रहने के लिए फिजिकली एक्टिव रहने की जरूरत है. एक ही जगह बैठे रहने या सीडेंट्री लाइफस्टाइल की वजह से ये तकलीफ बढ़ सकती है.
  • सिकाई या मालिश करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें. अक्सर गर्म या ठंडी सिकाई का कंफ्यूजन तकलीफ को ज्यादा बढ़ा देता है.
  • कम से कम दर्द में ही अगर वर्कआउट (Workout) शुरू कर देंगे तो दर्द असहनीय नहीं होगा.
  • लोअर बैक पेन होते ही सर्जरी के बारे में ना सोचें. डाइट में थोड़े से बदलाव और वर्कआउट से इस पर काबू पाया जा सकता है.
  • सर्जरी की सलाह उसी वक्त मिलती है जब दर्द ज्यादा गंभीर हो. उसे गंभीर होने से रोकना ही सबसे बड़ी चुनौती है.

डॉक्टर को दिखाना कब है जरूरी

  • अगर आपको कमर में बहुत ज्यादा दर्द है तो वर्कआउट से और भी ज्यादा नुकसान होगा. हल्के-फुल्के घरेलू उपचार से दर्द ठीक ना हो तो बेहतर है कि डॉक्टर को दिखाएं.
  • कमर दर्द के साथ अगर पैरों में भी तकलीफ हो, जैसे खिंचाव या दर्द तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए.
  • दवाई के बाद भी दर्द में कमी ना आए तो घरेलू और खुद के इलाज रोक कर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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