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बच्‍चे को हर छोटी बात पर डांटती हैं आप, तो बीके शिवानी ने कहा आज से यह करें, हर बात मानेगा लाडला

Parenting Tips: आपका बच्चा अपने आप गलतियां करना और लापरवाही करना बंद कर सकता है अगर आप उसे डांटने की बजाय ये काम रोज करने करेंगे.

बच्‍चे को हर छोटी बात पर डांटती हैं आप, तो बीके शिवानी ने कहा आज से यह करें, हर बात मानेगा लाडला
bk shivani quotes on relationship : बच्‍चा हर बात मानेगा, बस यह काम करें आज से.

Do This Thing instead Scold your child: बच्चे हर घर की जान होते हैं, क्योंकि बच्चे के जन्म से लेकर उसके बड़े होने तक हर घर में उनकी अहम जगह होती है. बच्चों के दम पर ही घर और परिवार गुलजार होता है. लेकिन बच्चों की परवरिश (Parenting Tips in Hindi) हमेशा ही मुश्किल रही है. पहले जमाने में कहा जाता था कि बच्चों को पालना हंसी खेल नहीं है. देखा जाए तो बच्चों की सही पेरेंटिंग वाकई हंसी खेल नहीं है. कई बार बच्चे लापरवाही और गलतियों के चलते डांट खाते हैं. मां बाप को लगता है कि डांट खाकर बच्चा सुधर जाएगा. लेकिन नतीजा इसका उल्टा (Side Effects scold your child too much) ही होता है. बच्चा और ज्यादा लापरवाह और जिद्दी हो जाता है. ऐसे में मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी ने एक खास तरीका साझा किया है जिसकी मदद से बच्चों को बिना डांटे ही उनको समझदार बनाया जा सकता है. चलिए जानते हैं बच्चे को बार बार डांटने से क्या बुरा (psychological effects of yelling at a child) असर होता है और साथ ही उस तरीके के बारे में जिसे अपनाकर आप बिना डांटे ही अपने बच्चे को सुधार सकते हैं.

बच्चे को हर वक्त डांटने का होता है बुरा असर  (Do not Scold kids Every Day)

एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्चे को हर वक्त डांटना सही बात नहीं है. बार बार डांटने से बच्चों के व्यवहार पर गहरा असर पड़ने लगता है. वो जिद्दी हो सकता है या फिर बिलकुल ही चुपचाप रहने लगता है. बार बार डांटने से बच्चे की उनकी मनोदशा और भावनाओं पर भी गहरा असर पड़ता है. मां बाप जब बच्चों को बार-बार डांटते हैं तो बच्चे में डर की एक भावना जन्म ले लेती है. ऐसे में जब जब आप उससे डांट कर बात करेंगे, उसमें डर की भावना और गहरी होती जाएगी. डर की इसी भावना के चलते बच्चा अपने मन की बात अपने माता पिता से करने में कतराने लगता है. वो मां बाप के अलावा दूसरे लोगों से भी बात करने में हिचकने लगता है और चुप्पी साध लेता है. किसी बच्चे का चुप्पी साध लेना बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव मामला है क्योंकि इससे वो सही गलत पर सही निर्णय नहीं ले पाएगा और सलाह के अभाव में गलत कदम उठा सकता है. कई बार आपने देखा होगा कि बच्चा अलग थलग रहता है, ऐसे बच्चे डांट के डर से मां बाप से दूर हो जाते हैं.

डांटने की बजाय बच्चे को उसकी खासियत बताइए (Tell kids Speciality)



बीके शिवानी ने कहा है कि बच्चे के बार बार डांटने की बजाय रोज कुछ समय के लिए उसके साथ बैठें और उसे उसकी खासियत यानी स्पेशियलिटी बताएं.बच्चे की खासियत जैसे वो कितना जिम्मेदार है, वो कितने ढंग से अपनी चीजों को रखता है, वो कितनी सारी बातें मानता है. बच्चे को बताएं कि वो बहुत ही स्पेशल और स्मार्ट बच्चा है. इन बातों को सुनकर बच्चे में अपनी खासियत को समझने की शक्ति आएगी और वो मां बाप की बातों को सुनना और समझना शुरू कर देगा. बीके शिवानी कहती हैं कि बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी है तो रोज सुबह मेडिटेशन या ध्यान के वक्त बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा की  बातें समझें और बच्चे के साथ शेयर करें. उन्होंने कहा कि बच्चे तक अच्छी बातें और अच्छी वाइब्स पहुंचाना मां बाप की जिम्मेदारी बनती है.

बच्चे को बताएं कि वो स्पेशल है (tell your kids that they are Special)

बच्चे को बताएं कि वो बहुत ही प्यारा बच्चा है. वो भगवान की अनूठी देन है और बहुत ही खास है. बच्चे को बताएं कि अगर वो अच्छी बातों को सीखता है और अच्छी बातों को फॉलो करता है तो वो कामयाब और जिम्मेदार बन सकता है.अगर बच्चे ने कोई गलती कर दी है तो उस समय उस गलती पर बात करने की बजाय उसे बताइए कि वो वाकई समझदार है और अच्छे काम भी कर सकता है. बच्चे को बताएं कि क्या काम करना उसके लिए अच्छा हो सकता है. उस पर प्रेशर बनाने की बजाय उसे सलाह दीजिए. ऐसे में रोज रोज अपनी विशेषता सुनकर बच्चा जिम्मेदारी महसूस करेगा और आपकी बातों को समझ कर उनको मानने लगेगा.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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