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पूजा में अगरबत्ती जलाने से पहले जान लें ये बात, डॉक्टर ने बताया झेलने पड़ेंगे गंभीर नुकसान

Agarbatti Side Effects in hindi: अगरबत्ती धीरे-धीरे आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं इस बारे में-

पूजा में अगरबत्ती जलाने से पहले जान लें ये बात, डॉक्टर ने बताया झेलने पड़ेंगे गंभीर नुकसान
अगरबत्ती जलाने से पहले जान लें ये बात

Agarbatti Side Effects in hindi: हममें से कई लोग रोज सुबह-शाम घर में पूजा-पाठ के समय अगरबत्ती जलाते हैं. इसकी खुशबू हमें सुकून और शांति का एहसास कराती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही अगरबत्ती धीरे-धीरे आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है? पल्मोनोलॉजिस्ट सोनिया गोयल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर इसके बारे में अहम जानकारी दी है. आइए जानते हैं अगरबत्ती जलाने से कौन-से नुकसान हो सकते हैं और बचाव के क्या उपाय हैं.

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क्यों नहीं जलानी चाहिए अगरबत्ती?

घर की हवा हो जाती है प्रदूषित

डॉक्टर सोनिया गोयल बताती हैं, अगरबत्ती जलने पर उससे निकलने वाला धुआं PM2.5 कण, कार्बन मोनोऑक्साइड और हानिकारक गैस छोड़ता है. ये तत्व घर के अंदर की हवा को प्रदूषित कर देते हैं. लंबे समय तक इन्हें सांस के साथ अंदर लेने से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.

सिगरेट जितना खतरनाक धुआं

कई रिसर्च में पाया गया है कि एक अगरबत्ती जलाने से उतना ही धुआं निकलता है जितना एक सिगरेट से. यानी अगर आप इसे रोज जलाते हैं तो यह पैसिव स्मोकिंग  जैसा असर करता है.

बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए ज्यादा हानिकारक

डॉक्टर आगे कहती हैं, अगर घर में छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग या अस्थमा के मरीज हैं, तो उनके लिए अगरबत्ती का धुआं और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत, खांसी या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

रोजाना इस्तेमाल से बढ़ता है बड़ा खतरा

अगर आप रोज बंद कमरे में अगरबत्ती जलाते हैं, तो यह धीरे-धीरे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, सीओपीडी (COPD) जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है. गंभीर मामलों में लंबे समय तक इसका असर लंग कैंसर का कारण भी बन सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान

डॉक्टर कहती है, अगर आपको पूजा-पाठ में अगरबत्ती जलाना पसंद है तो इसे कभी-कभी ही जलाएं. ऐसा करते समय ध्यान रखें कि कमरे की खिड़की खुली हो या पंखा जरूर चालू हो, ताकि धुआं बाहर निकल सके.

वहीं, अगर आप हर दिन खुशबू या आध्यात्मिक माहौल चाहते हैं, तो एसेंशियल ऑयल डिफ्यूजर, इलेक्ट्रिक दीया या प्राकृतिक धूप-रोशनी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये विकल्प सुरक्षित भी हैं और पर्यावरण के लिए भी बेहतर हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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