
Ice Pick Acne: चेहरे पर होने एक्ने या मुहांसे (Pimple Kyun Hote Hain) अलग अलग तरह के होते हैं. कुछ मुहांसे ऐसे होते हैं जो आसानी से ठीक हो जाते हैं. लेकिन कुछ इस कदर जिद्दी होते हैं कि ठीक होने के बाद भी फेस पर काले निशान छोड़ जाते हैं. इनके अलावा बॉक्सर, आइस पिक, रोलिंग, हाइपरट्रॉफिक और केलॉइड जैसे निशान भी, मुहांसे के कारण ही चेहरे पर बनते हैं. ये जितने भी तरह के निशान (Pimple Ke Nishan Mitane Ke Gharelu Tarike) होते हैं, उनमें आइस पिक निशान सबसे ज्यादा सीवियर होते हैं. आइस पिक एक्ने के निशान आपकी स्किन पर छोटे और गहरे पंकचर की तरह दिखते हैं. इनकी वजह से फेस की स्मूदनेस भी कम हो जाती है.
आइस पिक निशान क्या हैं? (What Is Ice Pick Acne)
आइस पिक एक्ने एक प्रकार के एट्रोफिक मुंहासे के निशान होते [1] हैं. ये निशान सिस्टिक मुंहासे के कारण बनते हैं. ये आमतौर पर काफी नैरो और डीप होते हैं. इस तरह के निशान में गालों पर एक छोटा सा एपरचर और डीप इनफंडिबुलम होता है जो एक "वी" शेप [2] बनाता है. आइस पिक एक्ने का निशान एट्रोफिक मुंहासे के निशानों का सबसे कॉमन और कॉम्पलेक्स टाइप है. फेस पर लगभग 60% - 70% कुल निशान आइस पिक प्रकार के होते हैं [3].
आइस पिक एक्ने के निशानों को उनके इस खास आकार के कारण हटाना बहुत मुश्किल है. निशान हटाने के उपचार में समय लग सकता है. साथ ही काफी एग्रेसिव और कॉस्टली ट्रीटमेंट की जरूरत भी पड़ सकती है.
आइस पिक निशान क्यों बनते हैं? (Why Do Ice Pick Scars Form)
आमतौर पर, आइस पिक मुंहासे के निशान इनफ्लेमेटरी पिंपल्स जैसे सिस्ट और पपुल्स के कारण बनते हैं. जो स्किन के पोर्स में गहराई तक प्रवेश करते हैं. अगर आप अपने मुंहासों को फोड़ते हैं या अपने कॉमेडोन को समय रहते ट्रीट नहीं करते हैं, तो इससे आइस पिक निशान बन सकता है.
- आइस पिक एक्ने स्किन में काफी डीप भी हो सकते हैं. जिस वजह से ये कोलेजन की लेयर को भी डैमेज करते हैं. इसलिए आइस पिक एक्ने को ट्रीट करना भी बहुत आसान नहीं होता है.
- आइस पिक एक्ने के निशान चेहरे के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं. जिसमें आपकी नाक, माथा और गालों के ऊपर का हिस्सा शामिल हो सकता है.
क्या आप जानते हैं?
आइस पिक एक्ने के निशान कुछ मिलीमीटर तक गहरे हो सकते हैं. जो स्किन की दूसरी लेयर तक फैले होते हैं. इन निशानों की वजह से स्किन ऐसी दिखती है जैसे उसे आइस पिक या किसी और शार्प ऑब्जेक्ट से मारकर उसमें छेद कर दिए गए हों. इसी वजह से इस निशान का नाम आइस पिक बना है.
आइस पिक निशान गहरा होता है या सतही?
आइस पिक एक्ने के निशान गहरे और नैरो होते हैं. स्किन के पोर्स जब लंबे समय तक बंद रहते हैं और उनमें किसी तरह इंफेक्शन हो जाता है. तब आइस पिक एक्ने होते हैं. जो स्किन में वी शेप का मार्क बना देते हैं. ये मार्क थोड़ा डीप हो सकता है. कई बार ये स्किन की दूसरी लेयर तक भी पहुंच जाता है.
आइस पिक निशान कैसा दिखता है?
आइस पिक का निशान गालों, नाक या माथे पर छोटे होल्स की तरह दिखते हैं. उनका एक्सपोजर छोटा होता है लेकिन वो आपकी स्किन में कुछ मिलीमीटर तक गहरे हो सकते हैं. आमतौर पर निशान 2 मिलीमीटर से कम चौड़े होते है.
आइस पिक एक्ने के लिए ट्रीटमेंट? (Treatment For Ice Pick Acne)
आइस पिक एक्ने के निशान इतने गहरे होते हैं कि समय के साथ या घरेलू उपचारों से ठीक नहीं हो सकते हैं. लेकिन आप अपनी स्किन टाइप और आइस पिक निशानों की इंटेंसिटी को समझने के बाद स्किन एक्सपर्ट से इलाज ले सकते हैं.
1. पंच एक्सिशन (Punch Excision)
एट्रोफिक मुंहासे के निशानों के असरदार उपचार पर एक स्टडी के अनुसार, पंच एक्सिशन आइस पिक मुंहासे के निशानों के लिए सबसे बेस्ट ट्रीटमेंट में से एक है. इस ट्रीटमेंट में सर्जन निशान को काटने के लिए एक छोटे कुकी-कटर जैसे इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करते हैं और फिर खुले हिस्से को टांका या स्किन ग्लू से बंद कर दिया जाता है और ठीक होने दिया जाता है.
हालांकि इस टेक्नीक से आइस पिक की जगह पर छोटा निशान छूट जाता है. लेकिन ये निशान आसानी से दिखता नहीं है.
2. पंच ग्राफ्टिंग (Punch Grafting)
कुछ स्किन एक्सपर्ट आइस पिक एक्ने के निशानों के लिए पंच ग्राफ्टिंग को सबसे अच्छा सॉल्यूशन मानते हैं [4]. यहां सर्जन निशान को हटाने के लिए किसी और जगह की स्किन ग्राफ्ट कर देते हैं. जैसे कान के पीछे की स्किन जो आसानी से नजर नहीं आती है. ऐसी स्किन फेस की स्किन से आसानी से ब्लैंड हो जाती है. इस टेक्निक से निशान तो भर जाते हैं. लेकिन ट्रीटमेंट के लिए कई सिटिंग्स लेनी पड़ती है.
पंच एक्सिशन और पंच ग्राफ्टिंग आमतौर पर फेशियल प्लास्टिक सर्जन करते हैं. इस प्रोसेस के लिए लोकल एनेस्थीसिया भी दिया जाता है [5].
3. माइक्रोनडलिंग (Microneedling)
इस प्रोसेस को कोलेजन इंडक्शन थेरेपी [6] के रूप में भी जाना जाता है. इस प्रोसेस में प्लास्टिक सर्जन स्किन की ऊपरी परत (एपिडर्मिस) को पंक्चर करने के लिए कई महीन नीडल्स जैसे उपकरण का उपयोग करते हैं. इस प्रोसेस से स्किन पर कई माइन्यूट पोर्स बन जाते हैं जो एपिडर्मिस और मिडिल-डर्मिस को छीलने में मदद करते हैं.
इस प्रक्रिया से कोलेजन और इलास्टिन का प्रोडक्शन ट्रिगर होता है. ट्रीटमेंट के 6 से 12 सप्ताह के भीतर आप रिजल्ट देख सकते हैं. आइस पिक निशान ठीक करने के दूसरे प्रोसेस के मुकाबले ये प्रोसेस काफी किफायती कही जा सकती है.
4. माइक्रोडर्माब्रेशन (Microdermabrasion)
यह एक तरह का स्किन रिसर्फेसिंग उपचार है जहां स्किन एक्सपर्ट एपिडर्मिस को धीरे से हटाने के लिए स्किन पर छोटे क्रिस्टल या हीरे की नोक वाले हैंडपीस का उपयोग करते हैं. जिसके बाद एक स्मूद और टोंड स्किन नजर आती है. इस ट्रीटमेंट के बाद मुंहासे भी कम नजर आते हैं.
5. लेजर रिसर्फेसिंग (Laser Resurfacing)
यह मुंहासों के निशान के लिए एक बेस्ट उपचार है जहां स्किन एक्सपर्ट फेस के टारगेट एरिया पर हाई फ्रीक्वेंसी लेजर रेज का उपयोग करते हैं. जिसकी वजह से स्किन की वो लेयर ही हट जाती है. इससे कोलेजन और इलास्टिन का प्रोडक्शन भी बढ़ता है. जिसके बाद एक ईवन टोन वाली स्किन मिलती है.
6. हयालूरोनिक एसिड इंजेक्शन (Hyaluronic Acid Injections)
कुछ मामलों में स्किन एक्सपर्ट गड्ढेदार मुंहासे के निशानों जैसे आइस पिक निशानों के इलाज के लिए हयालूरोनिक एसिड इंजेक्शन का उपयोग करने का भी सजेशन देते हैं. यह एक असरदार उपचार हो सकता है. लेकिन इसमें एक कमी है. वो ये कि हयालूरोनिक एसिड इंजेक्शन का असर करीब एक साल में गायब हो सकते हैं.
7. केमिकल पील्स (Chemical Peels)
केमिकल पील्स स्किन के एपिडर्मिस को हटाकर मुंहासे के निशानों को कम करने का एक और अच्छा ऑप्शन है. अलग अलग कैमिकल पीलिंग में अलग अलग कैमिकल्स होते हैं. जैसे, ग्लाइकोलिक एसिड, ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड (टीसीए), अल्फा हाइड्रॉक्सी, आदि. लेकिन ये कैमिकल्स कुछ लोगों की स्किन के लिए हार्ड हो सकते हैं. जिसकी वजह से स्किन पर रेडनेस या इरिटेशन हो सकता है.

Photo Credit: ians
8. ओटीसी क्रीम (OTC Creams)
चूंकि आइस पिक निशान काफी गहरे होते हैं. इसलिए ओवर-द-काउंटर क्रीम या लोशन उनका इलाज करने के लिए ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं माने जाते हैं. लेकिन आप हेल्दी स्किन बनाए रखने के लिए ओटीसी का उपयोग कर सकते हैं.
9. प्राकृतिक उपचार (Natural Remedies)
प्राकृतिक उपचार आमतौर पर आइस पिक एक्ने के निशानों के इलाज में बहुत इफेक्टिव नहीं होते हैं. लेकिन शहद, दालचीनी, रोज ऑयल और विच हेजल ऑयल जैसी कुछ चीजे हैं जो फेस पर यूज की जा सकती हैं. आप कोई भी फेस मास्क बना कर उनमें ये चीजें एड कर, फेस पर लगा सकते हैं. इससे स्किन पर एकदम तो कोई खास असर नहीं दिखेगा. पर, धीरे धीरे कुछ हद तक अंतर नजर आने लगेगा.
आइस पिक निशानों को कैसे रोकें? (How To Prevent Ice Pic Acne)
- कॉमेडोन के दिखाई देते ही उनका इलाज करने के लिए स्किन एक्सपर्ट की मदद लें. कॉमेडोन्स की वजह से आइस पिक एक्ने हो सकते हैं.
- मुंहासों को फोड़ने, नोंचने, खरोंचने या छूने से बचें.
- अपनी स्किन को धीरे से साफ करें और जोर से रगड़ने से बचें. ऐसा करने से आपके मुंहासों घाव बन सकता है.
- स्किन के काले पड़ने से बचाने के लिए बाहर जाने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं.
- अपनी स्किन को हेल्दी रखने के लिए स्किन को ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेट रखें.
- ऑयल फ्री और नॉनकॉमेडोजेनिक कॉस्मेटिक्स और स्किन केयर प्रोडक्ट का ही उपयोग करें.
आइस पिक निशानों के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions About Ice Pick Acne)
1. आइस पिक एक्ने के निशान कितने समय तक रहते हैं?
आइस पिक एक्ने के निशान स्किन में गहरे गड्ढों की तरह होते हैं, जो एपिडर्मिस और कभी-कभी डर्मिस को नुकसान पहुंचाते हैं. वे समय के साथ हल्के नहीं पड़ते हैं. उन्हें हटाने के लिए आप स्किन एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं.
2. क्या आइस पिक निशान चले जाएंगे?
नहीं, ये मुंहासे के निशान अपने आप नहीं जाते हैं. आपको स्किन एक्सपर्ट से सलाह लेना चाहिए. साथ ही ये भी समझना चाहिए कि किस किस ट्रीटमेंट से उनका दिखना कम किया जा सकता है.
3. आइस पिक निशानों को कैसे छिपाएं?
आप मुंहासे के निशानों को छिपाने के लिए कंसीलर का उपयोग कर सकते हैं. इसके अलावा इस आर्टिकल में बताए गए ट्रीटमेंट भी ले सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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