Healthy Habits: दिनभर व्यक्ति कामों में व्यस्त रहता है तो बुरे ख्याल भी दूरी पर महसूस होते हैं. लेकिन, जैसे ही रात होती है और सिर तकिये पर रखा जाता है तो सारे ख्याल मन में उथल-पुथल मचाने शुरू हो जाते हैं. ऐसा लगता है जैसे भूली बिसरी बातों को बस रात का ही इंतजार था. कई बार तो व्यक्ति पूरी-पूरी रात ही इन ख्यालों में खुद को उलझा हुआ पाता है और नींद है कि आने का नाम ही नहीं लेती. एंजाइटी (Anxiety) भी नींद ना आने और इस बेचैनी की वजह हो सकती है. ऐसे में यहां जानिए किस तरह रात के समय इन नकारात्मक ख्यालों (Negative Thoughts) को दूर रखा जा सकता है और दिमाग को शांत करके चैन की नींद ली जा सकती है. ये टिप्स और ट्रिक्स आपके काम आ सकते हैं.
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रात के समय दिमाग शांत कैसे रखें | How To Keep Mind Calm At Night
डीप ब्रीदिंग आएगी कामजब रात में बहुत ज्यादा नकारात्मक ख्याल दिमाग पर छाने लगें तो डीप ब्रीदिंग की जा सकती है. कुछ देर अगर गहरी सांस ली जाए तो इससे मन को शांति मिल सकती है. खासकर एंजाइटी को कंट्रोल करने में यह तरीका काम आ सकता है.
किसी अच्छे ख्याल की मन में बनाएं तस्वीरजब बुरे ख्याल मन को घेरते हैं तो इस अंधकार को दूर करने के लिए अच्छे ख्यालों की तस्वीर बनाएं. मन ही मन अच्छी बातों को सोचें. अगर आपको पहाड़ अच्छे लगते हैं तो उनके बारे में सोचें, अगर कुछ खाना पसंद है या कोई जगह मन में अक्सर ही आती है तो उसकी कल्पना करते हुए अच्छी नींद आ सकती है.
गाने सुन सकते हैंजिन लोगों को गाने सुनना पसंद होता है वे रात के समय गाने सुन सकते हैं. गाने सुनना किसी थेरैपी से कम नहीं होता है. रात में अंधेरे कमरे में अपने मनपसंद गाने सुने जा सकते हैं. हालांकि, कोशिश करें कि बहुत दुखी गाने ना सुनें जिनसे आप ट्रिगर हो जाएं और आपको और ज्यादा ओवरथिंकिंग (Overthinking) होने लगे.
एक्सरसाइज भी कर सकते हैंएक्सरसाइज करने पर भी मन को शांति मिल सकती है. इससे मसल्स रिलैक्स्ड होती हैं और अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है. मसल्स रिलैक्स्ड हो जाती हैं तो मन के साथ-साथ शरीर को भी आराम मिलता है. कई बार तो शरीर एक्सरसाइज करते हुए इतना थक जाता है कि बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती है.
लिखने पर मिलती है मददमन के बुरे ख्यालों को कागज पर उतारना एक ऐसी तकनीक है जो एंजाइटी को दूर रखने में भी असरदार होती है. अगर आपके मन में नेगेटिव ख्याल हावी होने लगे हैं तो आप अपने मन की बातें कागज पर लिख सकते हैं. अगर आपको डर है कि ये बातें कोई पढ़ ना ले तो इस कागज को जलाया भी जा सकता है. मन हल्का महसूस करने लगता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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