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ठंडा समझकर आप भी करते हैं दही का सेवन? शरीर में पित्त और कफ दोष बढ़ा सकता है Curd

Curd Side Effects On Body: दही यूं तो बेहद फायदेमंद कहा जाता है लेकिन गर्मियों में दही खाने पर शरीर पर कई तरह के विपरीत प्रभाव भी पड़ सकते हैं.

ठंडा समझकर आप भी करते हैं दही का सेवन? शरीर में पित्त और कफ दोष बढ़ा सकता है Curd
Dahi Khane Ke Nuksan: दही से सेहत को एक नहीं बल्कि कई नुकसान हो सकते हैं.

Curd Side Effects: आयुर्वेद के अनुसार, दही को एक हैवी और चिकनाई युक्त पदार्थ माना जाता है, जो शरीर में पित्त और कफ दोष दोनों को बढ़ा सकता है. खासकर, अगर इसका गलत समय पर गलत मात्रा में और गलत तरीके से सेवन किया जाए, तो यह शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है. अक्सर देखा जाता है कि लोग गर्मी से बचने के लिए दही का सेवन करते हैं, लेकिन दही की तासीर गर्म होती है जो शरीर में कई समस्याएं (Health Problems) पैदा कर सकती हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं दही खाने के नुकसान और यह भी कि गर्मियों में दही का सेवन कैसे करना चाहिए.

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दही को लेकर वायरल हो रही रील 

इंस्टाग्राम पर hitaayurved नाम से बने पेज पर दही खाने के नुकसान बताए गए हैं. इसमें बताया गया है कि दही की तासीर गर्म होती है, जो आपके शरीर में कफ और पित्त दोष को बढ़ा सकती है. पित्त दोष के लक्षण (Pitta Dosha Symptoms) में सीने में जलन, स्किन का लाल पड़ना, आंखों में जलन होना, जल्दी गुस्सा आना या इरिटेशन होना और सोने में समस्या होना  जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. दही पित्त दोष को बढ़ा सकता है. वहीं, वीडियो में बताया गया है कि दही कफ दोष को भी बढ़ा सकता है जिससे कंजेशन, जुबान का सफेद होना, खाना डाइजेस्ट करने में समस्या होना, सुबह उठने में प्रॉब्लम होना जैसी समस्याएं शामिल हैं. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और 3 लाख से ज्यादा लोग इसे लाइक कर चुके हैं.

दही से कैसे कफ दोष बढ़ता है (How curd increases kapha dosha)

दही शरीर में बलगम को बढ़ावा देता है इसलिए यह सांस संबंधी समस्या जैसे- साइनस या कंजेशन को बढ़ा सकता है. खासकर रात के समय दही खाना आयुर्वेद में निषेध माना गया है, क्योंकि पाचन को धीमा करता है और कफ दोष को बढ़ा सकता है. बिना फटा हुआ और फ्रिज से निकाला ठंडा दही भी बलगम और कफ को बढ़ा सकता है.

दही से पित्त दोष कैसे बढ़ता है (How curd increases pitta dosha)

दही को आयुर्वेद में उष्ण वीर्य माना गया है. इसका मतलब कि इसकी तासीर गर्म होती है. इससे शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जो पित्त दोष को इंबैलेंस करती है. दही एसिडिक होता है, जो पित्त दोष को ट्रिगर कर सकता है. इससे एसिडिटी, स्किन में जलन, पिंपल्स और सिरदर्द जैसी समस्या भी हो सकती है.

दही खाने का सही समय और तरीका (The right time and way to eat curd)

अगर आप दही का सेवन करना चाहते हैं तो सुबह या दोपहर में इसे खाएं. रात के समय दही खाने से कफ और पित्त दोष बढ़ सकता है. हमेशा फेंटा हुआ और पतला दही खाएं. गाढ़ा दही पचाने में मुश्किल होता है. दही में थोड़ी सी काली मिर्च या हींग मिलाकर खाएं, इससे कफ कम बनता है. दही को कभी भी गर्म चीजों के साथ ना खाएं, इसे हमेशा ठंडा रायता या छाछ के रूप में ही खाएं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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