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Coronavirus Lockdown: क्‍या बच्‍चों को घर में रखने में आ रही है मुश्किल? चाचा-चौधरी, पिंकी और नागराज करेंगे एंटरटेनमेंट

'किताबों के साथ घर पर रहें' पहल के तहत एनबीटी की वेबसाइट पर 100 से अधिक ऐसी किताबें उपलब्ध कराई गई हैं जिन्हें फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है.

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Coronavirus: लॉकडाउन के चलते घरों में बंद बच्‍चे किताबें पढ़कर खुद को बिजी रख सकते हैं
नई दिल्ली:

कोरोना के कहर के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बीच बच्चों को घरों की चारदीवारी में रखना पेरेंट्स के लिए बड़ी चुनौती बन गया है, लेकिन उनकी इस परेशानी को सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही और कई ऑनलाइन ऐप्‍प पर मौजूद कॉमिक्स ने कुछ हद तक दूर कर दिया है.

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कोरोनावायरस (Coronavirus) ने बच्‍चों को खेल के मैदान और दोस्तों से दूर कर दिया और टीवी पर वही कार्टून बार-बार देखकर ऊब होने लगी है. बंद के कारण घरों में रहने को मजबूर बच्चों को कॉमिक्स की दुनिया लुभा रही है, जिसमें चाचा चौधरी, साबू, बिल्लू, पिंकी, नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव जैसे किरदार हैं.

कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन है. बच्चों के लिए हालांकि यह दोहरा बंद हो गया क्योंकि फरवरी-मार्च में एग्‍जाम वैसे ही वे घरों से बाहर नहीं निकले और रिजल्‍ट आने के बाद यह समय उनकी दोस्तों के साथ मस्ती का ही होता है.

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लोग व्हाट्सऐप पर चाचा चौधरी, साबू, पिंकी, नागराज, इंद्रजाल, चंपक और लोटपोट जैसी कॉमिक्स शेयर कर रहे हैं और बच्चे भी इन कॉमिक्स का खूब आनंद ले रहे हैं.

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नोएडा में रहने वाली प्रतिभा सिंह ने बताया कि उन्हें उनकी एक मित्र ने व्हाट्सऐप पर इन कॉमिक्स की पीडीएफ फाइल भेजी थी. उन्होंने अपनी बेटी को ये कॉमिक्स पढ़ने को दीं और उनकी बेटी खूब चाव से इन्हें पढ़ रही है.

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उन्होंने कहा, "मेरी बेटी तो चाचा चौधरी और साबू को खूब पसंद कर रही है. मैंने अपनी दोस्तों को भी ये फाइल भेजी हैं ताकि उनके बच्चे भी हमारे बचपन में लोकप्रिय रहीं इन कॉमिक्स का आनंद ले सकें."

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इसी तरह कई ऑनलाइन प्लेटफार्म लॉकडाउन के मद्देनजर बच्चों के लिए मुफ्त किताबें पढ़ने और उन्हें मुफ्त डाउनलोड करने की सुविधा दे रहे हैं. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) अपनी चुनिंदा और लोकप्रिय किताबों को मुफ्त में डाउनलोड कराने की सुविधा मुहैया करा रहा है.

'किताबों के साथ घर पर रहें' पहल के तहत एनबीटी की वेबसाइट पर 100 से अधिक ऐसी किताबें उपलब्ध कराई गई हैं जिन्हें फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है.

इसके अलावा एमेजॉन से संबंधित 'ऑडिबल डॉट इन' वेबसाइट ने भी बच्चों के स्कूल बंद होने के मद्देनजर उनके मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन के लिए छह विभिन्न भाषाओं में नि:शुल्क किताबें उपलब्ध कराने की सुविधा दी है. प्रतिलिपि भी ऐसा ही एक ऐप्‍प है जिस पर विभिन्न भाषाओं में बच्चों की कॉमिक्स मुफ्त उपलब्ध हैं.

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को व्यस्त रखने के लिए यूट्यूब का भी सहारा ले रहे हैं. वे यूट्यूब पर बच्चों को वीडियो दिखाकर ड्रॉइंग एवं डांस सीखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. नोएडा की ही रहने वाली गरिमा श्रीवास्तव का कहना है, "बच्चे घर में बंद हो गए हैं तो ऐसे में सारा दिन माता-पिता को उन्हें व्यस्त रखना चुनौती हो गया है."

छह साल की बच्ची की मां गरिमा ने कहा, "मैं यूट्यूब, ट्यूटोरियल की मदद से बच्ची को डांस, ड्रॉइंग, शिल्पकला सिखाती हूं. शाम को लूडो या स्पेलिंग का गेम खेलते हैं. मेरे पति बच्ची को पंचतंत्र की कहानियां सुनाते हैं. बस ऐसे ही हम अपनी बच्ची को व्यस्त रखते हैं."

लॉकडाउन की इस अवधि में बच्चे घर के काम और खाना बनाने में भी माता-पिता की मदद कर रहे हैं.

गुड़गांव में रहने वाली 10 वर्षीय बच्चे की मां और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर नेहा सिंह का कहना है कि वह लॉकडाउन के कारण घर से ही ऑफिस का काम कर रही हैं. उनका बेटा बाहर पार्क में अपने दोस्तों के साथ खेलने नहीं जा सकता, ऐसे में वह घर के कामों और खाना बनाने में उनका हाथ बंटाता है.
 

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