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This Article is From Mar 06, 2018

Exam Tips: परीक्षा के समय बच्चा हो रहा है चिड़चिड़ा या बीमार? तो ऐसे करें उसे पेपर के लिए तैयार

छात्र अक्सर पूरी रात बैठ कर पढ़ते रहते हैं. इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और तनाव बढ़ता है. परीक्षा के दौरान दिमाग को आराम देने के लिए 6-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरुरी है. 

Exam Tips: परीक्षा के समय बच्चा हो रहा है चिड़चिड़ा या बीमार? तो ऐसे करें उसे पेपर के लिए तैयार
परीक्षा का तनाव ऐसे करें कम
नई दिल्ली: परीक्षाएं चल रही हैं, ऐसे में ज्यादातार स्टूडेंट्स चिंता और तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. परीक्षा को लेकर तनाव और घबराहट होना आम बात है. हर व्यक्ति की तनाव झेलने की क्षमता अलग होती है और हर व्यक्ति इसके लिए अलग तरह से रिएक्ट करता है. हालांकि कई बार किशोरों के लिए परीक्षा के इस तनाव को झेलना बेहद मुश्किल हो जाता है. परीक्षा में तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे बहुत सारा सिलेबस याद करना होता है, परीक्षा में आने वाले सवालों को लेकर हमेशा अनिश्चतता बनी रहती है. परिवार और दोस्तों को छात्रों से बहुत सारी उम्मीदें होती हैं. आगे किसी अच्छे कोर्स में एडमिशन लेने के लिए परीक्षा में अच्छे अंक लाना जरूरी होता है. 

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छात्रों में तनाव के कुछ लक्षण :
शारीरिक लक्षण : हार्ट रेट बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, पेशियों में खिंचाव, बहुत ज्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन बढ़ना, पेट में मरोड़, सिर में दर्द, मुंह सूखना, मतली/पेट खराब होना, बेहोशी/चक्कर आना, बहुत ज्यादा गर्मी/ठंड लगना, नींद न आना, बुरे सपने आना, थकान, भूख में कमी/भूख लगने का समय बदलना. 

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व्यवहार में बदलाव : बेचैनी, चीजों से बचने की कोशिश करना, दूसरों से बचने की कोशिश करना, अधीरता महसूस करना, अपनी देखभाल कम करना, मादक पदार्थों का सेवन, अपने आप को नुकसान पहुंचाने वाला जोखिम भरा व्यवहार.

भावनात्मक लक्षण : रोने/हंसने की इच्छा, क्रोध, असहाय महसूस करना, डर, निराशा, अवसाद, चिड़चिड़ापन, हताश महसूस करना. 

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संज्ञानात्मक लक्षण : नकारात्मक सोच, भ्रमित/उलझन हेना, एकाग्रता और याददाश्त कम होना, सवाल हल करने में मुश्किल महसूस होना. 

परीक्षा के तनाव को कैसे कम करें : 
अक्सर छात्रों को यह चिंता सताती है 'अगर मैं फेल हो गया तो' या 'अगर मुझे परीक्षा में कुछ नहीं आया तो'. इसके लिए अपनी पढ़ाई पर अच्छी तरह ध्यान दें. अगर अपके दिमाग में इस तरह के विचार आते रहेंगे तो आप पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा सकेंगे. अगर आप परीक्षा के तनाव से जूझ रहे हैं तो अपने आप खुद को समझाने की कोशिश करें कि यह जीवन की छोटी सी अवस्था है, हमेशा ऐसा नहीं रहने वाला है. 

परीक्षा के तनाव से कैसे बचें :
अभी से पढ़ना शुरू करें- सिर्फ सोचने से कुछ नहीं होने वाला है. सोचते रहने से तनाव और बढ़ेगा जिसका असर आपकी परीक्षा के परिणामों पर पड़ेगा. इसलिए सोचना छोड़ें और पढ़ना शुरू करें. उन विषयों पर ध्यान दें जिनमें आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है- योजना बनाएं. देखें कि कौन से विषय या अध्याय में आपको और पढ़ने की जरुरत है. इन पर ज्यादा ध्यान दें. 

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टाइम टेबल बनाएं- समय के अनुसार पढ़ना शुरू करें और बीच-बीच में ब्रेक लें. टाइम टेबल के अनुसार पढ़ें. हर एक-दो घंटे बाद दस मिनट का ब्रेक लें. 

ग्रुप में पढ़ें- ग्रुप में पढ़ने के बहुत से फायदे होते हैं. अगर आपके सवाल या समस्याएं हैं तो आप एक दूसरे के साथ इन्हें हल कर सकते हैं. अपने कमजोर अध्यायों पर ध्यान दें. नोट्स बनाकर एक दूसरे के साथ शेयर करें. जब आप पढ़ने के लिए तैयार हों, टाइम टेबल बनाकर पढ़ना शुरू करें. ध्यान रखें हर विषय पर अलग तरह से ध्यान देने की जरूरत होती है. 

ब्रेक लें - आप निश्चित समय तक पढ़ सकते हैं, इसके बाद आपको ब्रेक लेने की जरूरत होती है. छोटे ब्रेक लें, इस समय में अपने दोस्तों के साथ बातचीत करें, कॉफी पिएं. इस समय में आप सीढ़ी चढ़ने उतरने जैसा व्यायाम भी कर सकते हैं. 

चलें-फिरें और व्यायाम करें : लगातार बैठकर पढ़ने के बाद बीच में कुछ समय के लिए व्यायाम करना जरुरी है. एक्टिविटी बढ़ाने से तनाव कम होता है और आप बेहतर महसूस करते हैं. इस दौरान आप सैर करना, दौड़ना, तैरना, डांस करना जैसे व्यायाम कर सकते हैं. 

सेहतमंद आहार लें : सेहतमंद आहार तनाव से जूझने में मदद करता है. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रिफाइंड काबोहाइड्रेट, चीनी से युक्त स्नैक्स खाने से तनाव बढ़ता है. इसके बजाए ताजा फल और सब्जियां, अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड तनाव से लड़ने में मदद करते हैं. 

आराम करें : छात्र अक्सर पूरी रात बैठ कर पढ़ते रहते हैं. इससे उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती और तनाव बढ़ता है. परीक्षा के दौरान दिमाग को आराम देने के लिए 6-8 घंटे की नींद लेना बहुत जरुरी है. 

(नोएडा के जेपी अस्पताल में बिहेवियरल साइन्स में सीनियर कन्सलटेन्ट हैं.)

INPUT - IANS

 देखें वीडियो - भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया इतनी ढीली क्यों?​

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