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कैसे पता चलेगा कि कोई डिप्रेशन में है? ज्यादा डिप्रेशन लेने से क्या होता है, जान‍िए यहां

डिप्रेशन किसकी वजह से होता है? डिप्रेशन एक बढ़ती मानसिक समस्या है जो मन की ऊर्जा, सोच और खुश रहने की क्षमता को धीरे-धीरे कम करती है. इसके कारण, लक्षण और आसान उपाय जानिए.

कैसे पता चलेगा कि कोई डिप्रेशन में है? ज्यादा डिप्रेशन लेने से क्या होता है, जान‍िए यहां
डिप्रेशन किसकी वजह से होता है.

Depression se kaise bahar nikale : डिप्रेशन आज सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक ऐसी गहरी मानसिक थकान है जो धीरे-धीरे इंसान की सोच, ऊर्जा और लाइफ का मज़ा छीन लेती है. ग्लोबल रिसर्च के मुताबिक, हर 4 में से 1 व्यक्ति कभी न कभी मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम का सामना करता है. दुनियाभर में 28 करोड़ लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, और दुख की बात यह है कि विकसित देशों में भी केवल 50% लोग ही इलाज तक पहुंच पाते हैं. यह कर्ज, ब्रेकअप या डायबिटीज से भी ज्यादा खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि यह इंसान की भावनाओं और दिमाग की शक्ति को धीरे-धीरे कमजोर करता है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि अगर इसके कारण और लक्षण समय रहते समझ लिए जाएं, तो आसान लाइफस्टाइल बदलावों से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. समझिए यह पूरी समस्या कैसे शुरू होती है और कैसे इससे बाहर निकला जा सकता है.

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डिप्रेशन किन कमियों से होता है (What causes depression)

डिप्रेशन किसी एक कमी से नहीं होता, बल्कि कई हार्मोन, मिनरल्स और न्यूरोट्रांसमीटर के असंतुलन से शुरू होता है. सबसे पहले बात सेरोटोनिन की होती है, जिसे मूड-बूस्टर हार्मोन कहा जाता है. इसकी कमी से मूड लो, चिड़चिड़ापन, एंगर और फीलिंग्स पर कंट्रोल रखना मुश्किल हो जाता है. दूसरी बड़ी वजह विटामिन D की कमी है, जो कम धूप और इनडोर लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोगों में देखी जाती है. यह सीधे एनर्जी और मूड पर असर डालती है. इसके अलावा विटामिन B12 और आयरन की कमी से दिमाग ठीक से काम नहीं करता, ब्रेन फॉग बढ़ता है और धीरे-धीरे डिप्रेशन के लक्षण उभरने लगते हैं.

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डिप्रेशन के टॉप लक्षण (Top symptoms of depression)

सबसे पहला और बड़ा संकेत है लगातार उदासी या खालीपन महसूस होना. जब पहले पसंद आने वाली चीजें भी अब खुशी नहीं देतीं, तो यह चेतावनी हो सकती है. दूसरी पहचान है थकान और सुस्ती, चाहे 8–9 घंटे की नींद क्यों न ली हो. अगर दिमाग और शरीर हमेशा भारी महसूस हों, तो यह ब्रेन के कैमिकल असंतुलन का संकेत है. तीसरा लक्षण है ओवरथिंकिंग और नेगेटिव थॉट्स. ऐसी स्थिति में इंसान छोटी बातों पर भी बहुत सोचता है, खुद को दोष देता है या फ्यूचर को लेकर डर महसूस करता है. अगर ये लक्षण दो हफ्ते से अधिक बने रहें, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

डिप्रेशन के प्रमुख कारण (Top causes of depression)

आजकल काम का प्रेशर और वर्कप्लेस स्ट्रेस सबसे बड़े कारणों में से एक है. लंबे समय तक ओवरवर्क, कम नींद और अप्रीशिएशन की कमी मानसिक थकान बढ़ा देती है. रिलेशनशिप और फैमिली प्रॉब्लम्स भी बड़ा कारण हैं. अकेलापन, ब्रेकअप, असुरक्षा और घरेलू तनाव दिमाग पर गहरा असर डालते हैं. तीसरा बड़ा कारण है हेल्थ इश्यूज और हार्मोनल इम्बैलेंस. थायरॉयड, PCOS, डायबिटीज और विटामिन की कमी जैसी समस्याएं भी डिप्रेशन ट्रिगर कर सकती हैं.

कौन सी आदतें डिप्रेशन में मदद करती हैं (Helpful habits for depression)

सुबह 15–20 मिनट धूप में बैठना सेरोटोनिन और विटामिन D बढ़ाता है, जिससे मूड बेहतर होता है. रोज 30 मिनट वॉक, योग या मेडिटेशन हैप्पी हार्मोन्स रिलीज करते हैं और तनाव कम करते हैं. रात में स्क्रीन टाइम कम करना दिमाग को शांत करता है. दिन में कुछ मिनट लिखने की आदत पॉजिटिविटी बढ़ाती है. और सबसे जरूरी, किसी भरोसेमंद इंसान या प्रोफेशनल से खुलकर बात करना आधी समस्या हल कर देता है.

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