
Natural Remedy for Strong Teeth: इन दिनों बड़ी संख्या में लोग दांतों की समस्याओं से जूझ रहे हैं. दांतों का हिलना, मसूड़ों से खून आना, बदबूदार सांस या फिर खाने में तकलीफ की समस्या आम होती जा रही है. इनसे बचने के लिए लोग टूथपेस्ट बदलते हैं, महंगे डेंटल क्लीनिंग कराते हैं, लेकिन सही आराम (Home remedy for dental problems in hindi) नहीं मिलता है. इसी का उपाय डॉ. जमील मेहरावी ने बताया है. इंस्टाग्राम पेज @globallifesaniya पर एक पॉडकास्ट में उन्होंने बेहद आसान, देसी और असरदार नुस्खा (How to strengthen weak teeth naturally) शेयर किया है, जो दांतों की लगभग हर समस्या (Desi dental care routine) में राहत दे सकता है.
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दांतों की समस्याओं का रामबाण देसी नुस्खा (Dental Problems Homemade Remedy)
hai डॉ. जमील मेहरावी का दावा है कि अगर टूथपेस्ट की बजाय इस देसी मिक्चर का रोजाना इस्तेमाल करते हैं, तो दांतों की जड़ें मजबूत होती हैं और मसूड़ों की बीमारियां खत्म हो सकती हैं. इसमें आपको दो चुटकी हल्दी, दो चुटकी नमक, थोड़ा सा सरसों का तेल और एक-दो बूंद नींबू का रस लेना है. इन चारों चीजों को मिलाकर एक पेस्ट जैसा बना लें और इसे अपने ब्रश पर लगाकर दांतों पर धीरे-धीरे मालिश करें.
किन समस्याओं में मिल सकता है आराम
- हिलते हुए दांत
- मसूड़ों से खून आना
- दांतों में हल्का दर्द या खिंचाव
- सांस की बदबू
- दांतों की पीलापन
- बार-बार छाले या जलन
ये नुस्खा क्यों इतना असरदार (Why Remedy Effective?)
हल्दी | Turmeric
- हल्दी भारतीय रसोई की शान ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद की सबसे ताकतवर औषधियों में से एक है. इसमें मौजूद कर्क्युमिन (Curcumin) नामक तत्व एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. यह मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है, जो दांतों के हिलने या पायरिया जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं. इसके अलावा मसूड़ों की सूजन और जलन को कम करता है. इसका रेगुलर इस्तेमाल करने से मुंह के इंफेक्शन से बचाव होता है. हल्दी में ब्लीचिंग गुण भी होते हैं, जो दांतों की चमक को बनाए रखने में मदद करते हैं.
नमक | Salt
- नमक को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही दांतों और मसूड़ों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसमें पाए जाने वाले सोडियम और मिनरल्स मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में बेहद असरदार होते हैं. यह प्लाक और बैक्टीरियल बिल्डअप को हटाकर दांतों को साफ करता है. मसूड़ों की झिल्लियों को टाइट कर उन्हें मज़बूती देता है, जिससे दांत हिलना कम होता है. नमक से कुल्ला या मालिश करने से मसूड़ों से खून आना बंद हो सकता है. दांतों के नीचे जमा टार्टर को भी धीरे-धीरे हटाने में मदद मिलती है.
सरसों का तेल | Mustard Oil
- सरसों का तेल न सिर्फ खाना बनाने में काम आता है, बल्कि यह मसूड़ों की सेहत के लिए भी बहुत कारगर है. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन E और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. मसूड़ों पर हल्के हाथों से सरसों का तेल लगाने से उनका ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. इससे मसूड़े मजबूत होते हैं और हिलते दांत धीरे-धीरे स्थिर हो सकते हैं. तेल की चिकनाई मुंह की सतह पर एक प्रोटेक्टिव लेयर बनाती है, जो बैक्टीरिया से बचाती है. यह मुंह के अंदर के जख्मों और सूजन को भी जल्दी ठीक करता है.
नींबू का रस | Lemon Juice
- नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड और विटामिन C इसे एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक बनाते हैं। यह मुंह की साफ-सफाई और फ्रेशनैस के लिए बेहतरीन विकल्प है. नींबू का रस बैक्टीरिया को मारकर मुंह की बदबू को कम करता है. इसमें मौजूद एसिड दांतों की सतह से जमी गंदगी और पीलापन हटाता है. यह मसूड़ों को डिटॉक्स करता है और संक्रमण से बचाव करता है. लिमिटेड मात्रा में इस्तेमाल करने पर यह दांतों को चमक देने में भी मददगार है.
कब और कैसे इस्तेमाल करें | When and how to use
- दिन में एक बार, सुबह ब्रश से पहले करें.
- इसे ब्रश पर लगाकर हल्के हाथों से दांतों और मसूड़ों पर लगाएं.
- जोर से ब्रश न करें, वरना मसूड़े और कमजोर हो सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है, तो पहले पैच टेस्ट करें.
- नींबू ज्यादा इस्तेमाल से इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए 1 या 2 बूंद ही डालें.
- गंभीर समस्या होने पर डेंटिस्ट की सलाह जरूर लें.
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