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तांबे के बर्तन का पानी पीने से तेज होता है बच्चों का दिमाग? प्रेमानंद महाराज से जानिए प्राचीन रहस्य और साइंस

Copper Water Benefits for Children: इंस्टाग्राम पर वायरल हुए एक वीडियो में प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि तांबे के बर्तन में रखा जल बच्चों के दिमाग और पेट के लिए क्यों फायदेमंद है. अगर इसे सही तरीके से पीया जाए तो बच्चों का ब्रेन सुपरएक्टिव हो सकता है.

तांबे के बर्तन का पानी पीने से तेज होता है बच्चों का दिमाग? प्रेमानंद महाराज से जानिए प्राचीन रहस्य और साइंस
Benefits Of Drinking Water From Copper Vessel: प्रेमानंद जी महाराज ने बताए तांबे के पानी के चमत्कारी फायदे.

Copper Water Benefits for Children:  बच्चे पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहें, बार-बार पेट की समस्याएं भी परेशान कर रही हैं. अगर आपका बच्चा भी ऐसी ही दिक्कतों से जूझ रहा है, तो प्रेमानंद जी महाराज का बताया एक सिंपल लेकिन असरदार उपाय (Premanand Ji Maharaj Tips to Improve Kids Focus) आपके काम आ सकता है. इंस्टाग्राम पेज @cravekitchen26 पर शेयर एक वीडियो में वृंदावन के पॉपुलर संत प्रेमानंद जी ने बताया है कि तांबे के बर्तन में रखा पानी (Copper Water for Children Brain and Digestion) बच्चों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. उनकी मानें तो अगर बच्चे रोज सुबह खाली पेट तांबे का पानी सही तरीके से पिएं और कुछ आसान चीजें फॉलो करें, तो न सिर्फ उनका डाइजेशन सुधरेगा बल्कि ब्रेन भी सुपरएक्टिव होगा. 

WHO के अनुसार, रोजाना करीब 2 मिलीग्राम तांबा अगर पानी के जरिए शरीर में जाए तो यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है.

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प्रेमानंद जी महाराज का सिंपल उपाय क्या है

प्रेमानंद जी महाराज ने एक मॉर्निंग रूटीन बताई है, जिसमें सिर्फ तांबे का पानी ही नहीं, बल्कि कुछ अच्छी आदतें भी शामिल हैं. महाराज जी कहते हैं, 'रातभर तांबे के बर्तन में पानी रखें, सुबह वज्रासन में बैठकर धीरे-धीरे उसे बच्चों को पिलाएं. इसके बाद थोड़ा टहलें और शौच जाएं, फिर नहाकर कम से कम 10 मिनट हल्की एक्सरसाइज करें. इसके बाद पढ़ाई करने बैठ जाएं. जिससे आपको फायदा होगा.' प्रेमानंद जी का मानना है कि ये आदतें बच्चों को फिजिकली हल्का और मेंटली अवेयर-एक्टिव बनाती हैं.

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तांबे का पानी वज्रासन में ही बैठकर क्यों पीना चाहिए

वज्रासन को आयुर्वेद में बैठने का सबसे अच्छा मुद्रा मानी गई है, खासकर खाना खाते और पानी पीते समय ऐसा करने से काफी फायदा होता है. इससे पाचन क्रिया दोगुनी तेज होती है और शरीर में एनर्जी का फ्लो सही रहता है. जब बच्चे वज्रासन में बैठकर पानी पीते हैं, तो उनका पेट सही और माइंड शांत रहता है. प्रेमानंद जी सलाह देते हैं कि अगर रातभर तांबे का पानी बच्चों को हल्का गर्म करके पिलाया जाए, तो यह ज्यादा असरदार होता है. इससे आंतों की सफाई, जठराग्नि का संचार और तनाव से बचने में भी मदद मिलती है.

तांबे का पानी क्यों है इतना फायदेमंद

ताबें के बर्तन में रखे पानी को ताम्रजल कहा जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का जल त्रिदोष नाशक होता है  यानी यह वात, पित्त और कफ को संतुलन में रखता है. WHO के अनुसार, रोजाना करीब 2 मिलीग्राम तांबा अगर पानी के जरिए शरीर में जाए तो यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है. साइंट‍िफ‍िक की मानें तो जब पानी को तांबे के बर्तन में कुछ घंटों तक रखा जाता है, तो उसमें थोड़ी मात्रा में तांबा घुल जाता है, जो शरीर को कई तरह से फायदे पहुंचा सकता है. तांबा, पानी में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करता है और उसमें एंटीऑक्सीडेंट्स छोड़ता है, जो ब्रेन और डाइजेशन के लिए फायदेमंद होते हैं.

तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने के बेनिफिट्स

  • दिमाग तेज बनाता है.
  • इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है.
  • पेट साफ रखता है, जिससे मूड बेहतर होता है.
  • बॉडी को डिटॉक्स करता है.
  • मानसिक शांति और फोकस बढ़ाता है.

तांबे के पानी को लेकर साइंस क्या कहता है

साइंस के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा जल आयोनिक कॉपर छोड़ता है, जो बच्चों के न्यूरोलॉजिकल फंक्शन को बेहतर करता है. इस पानी को पीने से गैस्ट्रिक जूस कंट्रोल होता है, जिससे कब्ज, गैस जैसी समस्याएं नहीं होती हैं. कॉपर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स को बैलेंस करता है, जिससे फोकस और मेमोरी बेहतर होती है.

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