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Chanakya Niti: ये 5 जगहें छीन लेती हैं इंसान का सम्मान, भूलकर भी मत जाएं, आचार्य चाणक्य की चेतावनी

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की लिखी किताब चाणक्य नीति में जीवन, राजनीति, समाज, धन, शिक्षा और आचरण से जुड़े कई सिद्धांत बताए गए हैं. उन्होंने अपने नीति शास्त्र में ऐसी बातों के बारे में भी बताया है जहां जाने से इंसान को बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि चाणक्य के मुताबिक वो जगह कौन सी हैं.

Chanakya Niti: ये 5 जगहें छीन लेती हैं इंसान का सम्मान, भूलकर भी मत जाएं, आचार्य चाणक्य की चेतावनी
Chanakya Niti: भूलकर भी न जाएं इन 5 जगहों पर, वरना कभी नहीं होंगे कामयाब

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य सिर्फ एक शिक्षक नहीं थे, बल्कि जीवन के गहरे रहस्यों को समझाने वाले महान नीति-निर्माता थे. उनकी कही बातें आज भी लोगों के जीवन की दिशा बदल देती हैं. चाणक्य नीति (Chanakya quotes on life) में उन्होंने ऐसी कई जगहों का ज़िक्र किया है, जहां जाना या रहना इंसान के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. चलिए जानते हैं...वो कौन सी जगहें हैं जिनसे दूर रहना ही भलाई है.

जहां सम्मान न मिले (Chanakya life lessons)

चाणक्य कहते हैं कि, "जहां सम्मान नहीं, वहां रहना नहीं" क्योंकि ऐसी जगह पर व्यक्ति धीरे-धीरे आत्मविश्वास (Chanakya principles) खो देता है. अगर आपको वहां आपकी मेहनत का मूल्य या इज़्ज़त नहीं मिल रही, तो समझ लीजिए वो जगह आपकी नहीं है. सम्मान वो ताकत है जो इंसान को भीतर से मजबूत बनाती है, इसलिए हमेशा उस जगह को चुनें जहां लोग आपको मान दें, न कि मनोबल तोड़ें.

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Photo Credit: Pexels

जहां शिक्षा का मूल्य न हो (Chanakya quotes on success)

आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्या ही सबसे बड़ा धन है. अगर आप ऐसे माहौल में हैं जहां शिक्षा की कद्र नहीं, वहां रहना बेकार है, क्योंकि बिना ज्ञान के विकास असंभव है, जिस जगह विद्या को महत्व (Chanakya philosophy) नहीं मिलता, वहां अंधकार ही होता है.

जहां रोजगार के अवसर न हों (Chanakya rules for success)

चाणक्य ने स्पष्ट कहा है कि, "जहां आजीविका न हो, वहां जीवन भी अधूरा है" अगर मेहनत करने के बावजूद फल नहीं मिलता, या रोजगार की कमी है, तो वह स्थान जल्द छोड़ देना ही समझदारी है. सफलता (Chanakya tips) वहीं खिलती है जहां अवसर और प्रयास दोनों मिलें.

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जहां संगति या संस्कारों की कमी हो (Chanakya teachings)

चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति अपने संग के अनुसार बनता है, इसलिए ऐसी जगह पर न जाएं जहां बुरे लोग हों या अच्छे संस्कारों की कमी हो. ऐसे माहौल में व्यक्ति धीरे-धीरे नकारात्मकता का शिकार हो जाता है.

चाणक्य नीति हमें सिखाती है कि सही जगह, सही संगति और सही माहौल ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी हैं. जहां सम्मान, शिक्षा, और अवसर मिले...वहीं रहिए, वहीं सफलता है.

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