
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं. भाई दूज हर साल कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका करने का रस्म निभाती हैं. भाई दूज पर बहनें भाइयों को नारियल का गोला भी देती हैं. नारियल को शुभता, समृद्धि और रक्षा का प्रतीक माना गया है. ऐसे में नारियल का सही चुनाव बहुत ही जरूरी है, क्योंकि अक्सर लोग नहीं जानते कि पूजा के लिए कौन-सा नारियल शुभ माना जाता है. चलिए आपको बताते हैं भाई दूज के अवसर पर सही नारियल की पहचान कैसे करें और नारियल देने के लिए का क्या महत्व होता है?
नारियल की बाहरी बनावट से करें पहचान
नारियल खरीदते समय में उसकी बनावट और सतह पर ध्यान दें. नारियल पूरी तरह से सख्त, साफ और बिना दरार वाला होना चाहिए. इसके साथ ही उस पर किसी तरह का काला धब्बा या फफूंदी नहीं होनी चाहिए. नारियल पर तीन आंखें यानी तीन गोल निशान दिखाई देने चाहिए, जो बेहद शुभ माना जाते हैं. हिंदू धर्म में एकाक्षी नारियल को शुभ माना गया है. इसमें तीन छेद होते हैं. दो आंखें व एक मुख माना जाता है. ऐसा नारियल मिल जाए तो उसे खरीदना चाहिए.
वजन और आवाज से करें पहचाननारियल को हल्का-सा झटकें, अगर उसके अंदर से हल्की-सी आवाज आए तो यह संकेत है कि नारियल अंदर से सूखा नहीं है. अगर, अंदर से पानी की आवाज सुनाई देती है, तो समझ जाइए कि नारियल में पानी है और वो पूरा सूखा नहीं है. इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि नारियल बहुत ज्यादा भारी भी नहीं हो, क्योंकि भारी नारियल अंदर से सड़ा हुआ या फटा हो सकता है। ऐसे में मध्यम वजन वाला नारियल चुनना सबसे बेहतर रहता है.
खराब या फटा नारियल कभी न लेंनारियल फटा हुआ या अंदर से काला और बदबूदार हो तो उसे नहीं लेना चाहिए. ऐसा नारियल अशुभता लाता है और नकारात्मक एनर्जी का संकेत माना जाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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