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योगाचार्य ने बताया मलेरिया,टाइफाइड, डेंगू ठीक करने की अचूक औषधि, कैसा भी हो बुखार 2 दिन से ज्यादा नहीं टिकेगा

Home remedy : इस मौसम में गंभीर रूप से बीमार न पड़ें इसके लिए हम यहां पर डॉक्टर विश्वदेव योगाचार्य द्वारा सुझाए गए कुछ नुस्खे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपका कैसा भी बुखार हो केवल दो दिन में ठीक  हो सकता है. 

योगाचार्य ने बताया मलेरिया,टाइफाइड, डेंगू ठीक करने की अचूक औषधि, कैसा भी हो बुखार 2 दिन से ज्यादा नहीं टिकेगा
आयुर्वेदिक उपायों में, हल्दी, जीरा, और अदरक का उपयोग अक्सर किया जाता है.

Ayurvedic upchar in fever :   बारिश के मौसम में संक्रमित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. इस सीजन में डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड और बुखार का खतरा ब़ढ़ जाता है. ऐसे में इस मौसम में गंभीर रूप से बीमार न पड़ें इसके लिए हम यहां पर डॉक्टर विश्वदेव योगाचार्य द्वारा सुझाए गए कुछ नुस्खे (ghareleu nuskhey) के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपका कैसा भी बुखार (bukhar ka gharelu ilaj) हो केवल दो दिन में ठीक  हो सकता है. 

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डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसे बुखार ठीक करने के उपाय

डॉक्टर विश्वदेव अपने इंस्टा पर शेयर वीडियो में बता रहे हैं कि बरसात के मौसम में होने वाले बुखार से बचने का आसान उपाय है नीम, गिलोए और आजवाइन के पत्ते. इन पत्तियों से काढ़ा बनाकर तैयार कर लीजिए. अब आप 3 से 4 लीटर पानी उबाल लीजिए. फिर आप पहले से तैयार इस काढ़े को उबले पानी में मिक्स कर दीजिए. अब पूरे दिन इस पानी को सिप-सिप करके पीना है. वहीं, डॉक्टर विश्वदेव आगे वीडियो में यह भी कहते हैं कि इन तीनों हेल्थ इश्यूज में पानी इतना पिएं कि यूरिन पीला न हो. सबसे जरूरी बात पूरे दिन में कम से कम एक कप पानी 5 मिनट में पिएं. इससे कैसा भी बुखार हो ठीक हो जाएगा मात्र दो दिन में. 

इन उपायों को भी कर सकते हैं

तुलसी और पिपरमूल 

आयुर्वेद में, बुखार को नियंत्रित करने के लिए तुलसी (Holy Basil) और पिपरमूल (Long Pepper) का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा, आप डेंगू के उपचार के लिए नेचुरल डिटॉक्सिफिकेशन और इम्यून बूस्टिंग उपाय कर सकते हैं.

हल्दी, जीरा, और अदरक

आयुर्वेदिक उपायों में, हल्दी, जीरा, और अदरक का उपयोग अक्सर किया जाता है. ये पाचन को बेहतर बनाते हैं और शरीर को प्राकृतिक तरीके से शुद्ध करने में मदद करते हैं.

नीम की पत्तियों और पपीते का रस

डेंगू एक वायरल बुखार है, जिसका इलाज मुख्यतः दवा और चिकित्सा देख-रेख से किया जाता है. आयुर्वेद में, शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए नीम की पत्तियों का रस और पपीते की पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है.

डेंगू बुखार के लक्षण

  • पेट में गंभीर दर्द होना
  • उल्टी होना
  • मसूड़ों या नाक से खून आना
  • मूत्र, मल या उल्टी में रक्त आना
  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • थकान आना
  • चिड़चिड़ापन या बेचैनी होना

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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