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Ambedkar Jayanti 2025: आज अंबेडकर जयंती पर भेजिए सभी को बाबासाहेब के ये 10 अनमोल वचन

Ambedkar Jayanti Wishes: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को बाबासाहेब कहकर पुकारा जाता है. यहां पढ़िए बाबासाहेब अंबेडकर के महान व प्रेरणादायक विचार. आप भी अंबेडकर जंयती पर सभी को बाबासाहेब के अनमोल वचन भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं. 

Ambedkar Jayanti 2025: आज अंबेडकर जयंती पर भेजिए सभी को बाबासाहेब के ये 10 अनमोल वचन
Ambedkar Jayanti Messages: हर साल 14 अप्रैल के दिन अंबेडकर जयंती मनाई जाती है. 

Ambedkar Jayanti 2025: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक कहे जाते हैं. वे संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे और अपने जीवनकाल में समानता और लोगों के अधिकारों के लिए लड़े थे. हर साल 14 अप्रैल के दिन देश अंबेडकर जंयती मनाता है. इसी दिन साल 1891 में डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) का जन्म हुआ था. इस दिन को भीम जयंती (Bhim Jayanti) के नाम से भी जाना जाता है. डॉ. भीमराव अंबेडकर को बाबासाहेब कहकर भी पुकारा जाता है. वे मध्य प्रदेश के एक दलित परिवार में जन्में थे और उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा. डॉ. अंबेडकर ने अपनी शुरुआती शिक्षा बंबई में पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप लेकर यूनाइटेड स्टेट्स और फिर लंदन चले गए, भारत लौटे तो सामाजिक त्रुटियों से लड़े और पिछड़े वर्गों के लिए जीवनभर कार्यरत रहे. यहां पढ़िए डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनमोल वचन (Dr. BR Ambedkr Anmol Vachan) और महान विचार.  ये अनमोल वचन अंबेडकर जयंती के मौके पर सभी को शुभकामना संदेश (Ambedkar Jayanti Wishes) की तरह भी भेजे जा सकते हैं.

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 डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनमोल वचन | Dr. BR Ambedkar Anmol Vachan 

  1. बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए. वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास भूल जाते हैं. 
  2. अपने भाग्य के बजाए अपनी मजबूती पर विश्वास करो.
  3. जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है.
  4. मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है.
  5. यदि मुझे लगा कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं इसे सबसे पहले जलाऊंगा.
  6. मैं किसी समाज की प्रगति का आकलन यह देखकर करता हूं कि वहां की महिलाओं की स्थिति कैसी है. 
  7. कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए.
  8. यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए.
  9. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिए बेईमानी है.

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