सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) और परेशान करने वाली खबरों के इस वक्त में एक अच्छी सी झप्पी (Perfect Hug) सब ठीक कर सकती है. यहां तक कि वैज्ञानिकों (Scientist) ने भी परफेक्ट झप्पी को लेकर एक एनालिसिस किया है और इसके लिए आपको किसी को टाइट से पकड़ना नहीं है.
जापान की टोहो यूनिवर्सिटी की एक टीम ने झप्पी (Hug) के बच्चों पर होने वाले असर पर एक एनालिसिस किया है. इसके साथ ही उन्होंने इस पर भी एनालिसिस किया है कि माता-पिता और अनजानों के गले लगाने पर वो किस तरह का महसूस करते हैं.
इसके लिए उन्होंने बच्चों की दिल की धड़कनों और प्रैशर सेंसर्स का इस्तेमाल किया. नतीजों के मुताबिक, मीडियम प्रेशर के साथ गले लगाने पर बच्चे सुरक्षित और शांत महसूस करते हैं. लेकिन अगर उन्हें कंस कर गले लगाया जाए तो वो परेशान हो जाते हैं.
शोधकर्ताओं (Researchers) ने इस दौरान गले लगाने का वक्त 20 सेकेंड्स ही रखा क्योंकि यदि बच्चा खराब मूड में हो तो उन्हें 1 मिनट तक गले लगाकर रख पाना मुश्किल होता है. 125 दिन से अधिक बड़े बच्चों को पेरेंट्स द्वारा गले लगाए जानें पर काफी अच्छा लगता है. हालांकि, यदि कोई अनजान महिला उन्हें गले लगाए तो उन्हें अच्छा नहीं लगता है.
तो वैज्ञानिकों के मुताबिक बच्चों के लिए एक परफेक्ट झप्पी उनके माता-पिता द्वारा दी जाने वाली होती है. वो भी मीडियम प्रेशर के साथ. शोधकर्ताओं ने ये भी बताया कि केवल बच्चे ही झप्पी से अच्छा महसूस नहीं करते हैं बल्कि माता-पिता को भी अपने बच्चे को गले लगाते वक्त बहुत अच्छा अनुभव होता है.
माना जाता है कि ऑक्सिटोसिन नाम का हार्मोन जिसे लव हार्मोन (Love Hormone) भी कहा जाता है, फिजिकल कॉन्टेक्ट के वक्त रिलीज होता है लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह एक्सपेरिमेंट काफी कम वक्त था. ऐसे में लव हार्मोन अपना काम नहीं कर सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं