
Parenting Tips: पैरेंट्स चाहते हैं कि बच्चे को ऐसी परवरिश दें कि उसकी गिनती अच्छे और समझदार बच्चों में होने लगे. इसके लिए पैरेंट्स हर कोशिश करते हैं. कभी बच्चे को डांटते हैं तो कभी उसकी गलती पर उसे टोक देते हैं. लेकिन, मुश्किल तब आने लगती है जब बच्चा पलटकर जवाब देने लगता है. बच्चे की इस जवाब देने की आदत को उसे मार-पीटकर या उसपर चिल्लाकर नहीं छुड़वाया जा सकता है और पैरेंट्स (Parents) यह बात अच्छी तरह से समझते हैं. लेकिन, बच्चे की इस आदत को कैसे छुड़वाया जाए और बहसबाजी (Argument) वाली इस सिचुएशन को कैसे हैंडल करें यह समझने में पैरेंट्स को दिक्कत होती है. ऐसे में यहां दिए कुछ पैरेंटिंग टिप्स आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं. यहां जानिए अगर बच्चा पलटकर जवाब देने लगे तो ऐसे में क्या किया जा सकता है.
बच्चा अगर पलटकर जवाब देने लगे तो क्या करें | What To Do If Child Starts Arguing
बच्चा क्यों बहस कर रहा हैयह बेहद जरूरी है कि पैरेंट्स समझने की कोशिश करें कि बच्चा क्यों बहस कर रहा है या पलटकर जवाब क्यों दे रहा है. कई बार बच्चा लॉजिकल बात ही कह रहा होता है. ऐसे में यह पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चे की जवाब देने की आदत को कैसे उसके गुण में बदला जा सकता है. हो सकता है कि बच्चा बस स्पष्ट रूप से अपनी बात कहने की कोशिश कर रहा हो.
बहस को ना खीचेंकई बार पैरेंट्स बच्चे के जवाब देने को अपने अहं (Ego) पर ले लेते हैं. बहुत छोटे बच्चे तो अहं जैसी चीजें जानते ही नहीं हैं. वहीं, अगर बच्चा लड़ने की कोशिश में बहस कर रहा है और जवाब दे रहा है तो पैरेंट्स को बात बढ़ाकर उसे एंटरटेन नहीं करना चाहिए.
गुस्से से ना करें बातगुस्सा करके बच्चों के साथ आप किसी सिचुएशन को संभाल नहीं सकते हैं. माता-पिता का गुस्सा करना बच्चे के लिए हरी झंडी की तरह काम करता है कि वह भी अब गुस्सा करके अपनी बात मनवा लेगा. वहीं, छोटे बच्चे माता-पिता को गुस्सा करते देख खुद भी गुस्सैल बनने लगते हैं.
बुरे बिहेवियर का लेबल ना देंबच्चा अगर माता-पिता की कोई बात काट रहा है तो उसकी इस आदत को बुरे बिहेवियर (Bad Behavior) का लेबल ना दें. कई बार यह बच्चे की जिज्ञासा और जानने की इच्छा होती है जिस चलते वह पलटकर सवाल-जवाब करने लगता है.
अपनी गलती स्वीकारना है जरूरी हैअगर बच्चा अपनी बहस में सही है तो उसकी बात सुनकर अपनी गलती मान लेने में कोई हर्ज नहीं है. माता-पिता अगर अपनी गलती मान लेते हैं तो बच्चे भी इस व्यवहार को अपनी अच्छी आदतों में शुमार कर लेते हैं. अगर बच्चा अपनी ही किसी बात से पलट जाए, किसी काम को करने से मना कर दे या फिर बात मानने के बजाय बहसबाजी करने लगे तो उसके पीछे पड़ने के बजाय उसे बैठाकर प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसके साथ बैठकर कुछ खाएं या उसे आइसक्रीम वगैरह खिलाकर अपनी बात समझाएं.
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