
Benefits of Quitting Tea: हम में से ज्यादातर लोग दिन की शुरुआत चाय से करते हैं. कुछ लोग तो दिन भर में 2 से 4 कप तक चाय पी जाते हैं. लेकिन क्या ये आदत वास्तव में हमारी हेल्थ के लिए सही है? दरअसल, चाय में दो जरूरी केमिकल्स पाए जाते हैं. एक थियोब्रोमाइन (Tea Withdrawal Symptoms) और थियोफिलाइन. इनका ज्यादा सेवन शरीर के पीएच लेवल को बिगाड़ सकता है. खासतौर पर दूध वाली चाय हेल्थ पर अधिक नेगेटिव इम्पैक्ट डालती है. इससे न सिर्फ डाइजेस्टिव सिस्टम धीमी होती है, बल्कि एसिड रिफ्लक्स, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं. लगातार चाय पीने से (How To Quit Tea Naturally) शरीर का पीएच इम्बैलेंस होकर एसिडिक हो जाता है, जिससे पेट से जुड़ी दिक्कतें बढ़ जाती हैं. ऐसे में अगर आप सिर्फ एक महीने के लिए भी चाय (Is Milk Tea Unhealthy) छोड़ दें, तो इसका आपकी सेहत पर पॉजिटिव असर पड़ सकता है. अब सवाल उठता है कि चाय छोड़ने से शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं? चलिए, इसी पर विस्तार से जानते हैं.
1. अगर आप 1 महीने तक चाय न पिएं, तो क्या होगा?: अपने देश में एक एवरेज एडल्ट रोज करीब 3 कप चाय पीता है. एक कप सुबह उठते ही, दूसरी नाश्ते के साथ और तीसरी दोपहर या शाम को. ज्यादातर घरों में चाय दूध, चीनी और चायपत्ती के साथ बनाई जाती है, जिसे उबालकर तैयार किया जाता है. एक कप (250 मिलीलीटर) दूध वाली चाय में लगभग 10 ग्राम चीनी, 50 से 60 मिलीग्राम कैफीन और करीब 2 ग्राम दूध से मिला फैट हो सकता है. अगर आप एक दिन में 3 कप चाय पीते हैं, तो आप रोजाना लगभग 30 ग्राम चीनी, 6 ग्राम फैट और 150 मिलीग्राम कैफीन का सेवन कर रहे होते हैं.
2. चाय पीना बंद करने पर क्या होता है?: जब आप चाय पीना बंद कर देते हैं, तो ये सभी एक्स्ट्रा चीजें चीनी, फैट और कैफीन आपके शरीर में नहीं जातीं. इससे आप रोजाना करीब 140 कैलोरी की बचत करते हैं. अगर इस आदत को आप एक महीने तक बनाए रखें, तो ये वजन घटाने और बेहतर मेटाबॉलिज्म में मदद कर सकती है. इसके अलावा, भारतीय चाय में दूध शामिल होता है, जिससे थोड़ी मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और कुछ एंटीऑक्सीडेंट भी मिलते हैं. हालांकि, इन न्यूट्रिएंट्स की मात्रा इतनी अधिक नहीं होती कि इन्हें हेल्थ बेनिफिट का बड़ा सोर्स माना जाए. अगर आप रोजाना तीन कप चाय छोड़ते हैं, तो आपका लिक्विड कंज्यूम लगभग 750 मिलीलीटर तक कम हो जाएगा. ऐसे में जरूरी है कि आप इस कमी की भरपाई हेल्थ ऑप्शन से करें, जैसे सादा पानी, ग्रीन टी, बटरमिल्क (छाछ), नारियल पानी, हिबिस्कस टी, मोरिंगा टी या कोई अन्य हर्बल चाय. ये ऑप्शन न सिर्फ आपके शरीर को हाइड्रेट रखते हैं, बल्कि बिना एक्स्ट्रा कैलोरी या कैफीन के आपको जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी देते हैं.
3. जब आप चाय पीना बंद करते हैं, तो आपके शरीर में क्या बदलाव आते हैं? जब कोई व्यक्ति चाय पीना अचानक बंद करता है, तो शरीर और ब्रेन पर इसका असर तुरंत महसूस हो सकता है. चाय के रेगुलर सेवन से न्यूरॉन्स उस कैफीन के यूज्ड टू हो जाते हैं, और जब ये अचानक बंद हो जाता है तो उन न्यूरॉन्स की एक्टिविटी कम हो जाती है. इसकी वजह से आपको सुस्ती, सिरदर्द, बार-बार नींद आना या थकान जैसा महसूस हो सकता है.
चाय के साथ शरीर को शुगर भी मिलती है, और इसकी कमी से एनर्जी में गिरावट महसूस हो सकती है. चाय छोड़ने वाले व्यक्ति को कुछ दिनों तक कमजोरी, सुस्ती लग सकती है. इसके अलावा, कैफीन की कमी से बार-बार चाय पीने की क्रेविंग, बेचैनी (एंग्जायटी) और ध्यान लगाने में कठिनाई जैसे सिम्टम्स भी दिख सकते हैं.
हालांकि, ये स्थिति परमानेंट नहीं होती. ये सिम्टम्स आमतौर पर 7 से 9 दिनों के भीतर धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं. इन्हें कम करने के लिए ज़रूरी है कि आप चाय पीने की आदत को एकदम छोड़ने के बजाय धीरे-धीरे कम करें. मात्रा में कटौती करते हुए धीरे-धीरे चाय छोड़ना शरीर को इस बदलाव के लिए तैयार करता है और सिम्टम्स को कम करता है.

1 महीने तक चाय छोड़ने के फायदे (Benefits Of Giving UP Tea for 1 Month)
अगर आप चाय पीना बंद कर देते हैं, तो आपके शरीर में कैफीन और शुगर की मात्रा धीरे-धीरे घटने लगती है. इससे न केवल आपकी हेल्थ बेहतर होती है, बल्कि मानसिक और हार्मोनल बैलेंस भी सुधरता है. एक महीने तक चाय न पीने के बाद आपको अपने शरीर में कई बदलाव महसूस हो सकते हैं:
- सबसे पहले आपको अच्छी नींद आएगी. अच्छी नींद के कारण आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.
- पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग से राहत मिलती है. मेटाबॉलिज्म सुधरता है और डाइजेस्टिव सिस्टम मजबूत होती है.
- मेंटली आप खुद को अधिक शांत और स्थिर महसूस करते हैं.
- भूख समय पर लगती है और बॉवेल मूवमेंट (मल त्याग) रेगुलर हो जाता है.
- शरीर में सूजन कम होती है और स्किन पर ताजगी दिखाई देने लगती है.
- हार्मोनल बैलेंस बेहतर होता है, जिससे थकान, चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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