टीआरपी घोटाला (TRP scam) मामले में मुंबई पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की याचिका का विरोध किया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल हलफनामे में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने याचिका को कानूनी प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग बताया. मुंबई पुलिस ने अदालत से याचिका को असाधारण जुर्माने के साथ खारिज करने की मांग की है. सीआईडी के एसीपी और जांच अधिकारी शशांक संदभोर ने कहा है कि एजेंसी द्वारा किसी अपराध की जांच में आरोपी अभिव्यक्ति की आजादी को ढाल नहीं बना सकता. आरोपी बोलने की आजादी की आड़ में अपराध की जांच से किनारा, नाकाम या बच नहीं सकता. ना ही आरोपी ये तय कर सकता है कि जांच किस तरीके से हो और कौन सी एजेंसी करे. संदभोर ने कहा कि मामले में बाकी चैनल जांच में सहयोग कर रहे हैं लेकिन रिपब्लिक टीवी जांच में रोड़े अटका रहा है.
हलफनामे में रिपब्लिक टीवी की प्रेस रिलीज को भी लगाया गया है. मुंबई पुलिस ने कहा है कि इस मामले की जांच शुरुआती दौर में है और इसे सीबीआई को नहीं सौंपा जा सकता. हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट के ही फैसलों का हवाला दिया गया है जिनमें कहा गया है कि असाधारण मामलों को ही सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए और ये कोई रुटीन मामला नहीं होना चाहिए.
इस मामले की आज ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. मुंबई पुलिस ने CBI को जांच ट्रांसफर करने की रिपब्लिक टीवी की याचिका का विरोध किया है.
मुंबई पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक टीवी टीआरपी रेटिंग्स की धोखाधड़ी के मामले में जांच को नाकाम करना चाहता है. रिपब्लिक टीवी की CBI को जांच सौंपने की मांग गलत है. रिपब्लिक टीवी इस मामले पर कार्यक्रमों का संचालन कर जांच में हस्तक्षेप कर रहा है. इस मामले में बहस की जाती है और गवाहों से संपर्क किया जाता है. गवाहों से हस्तक्षेप और डराया जाता है. मीडिया ट्रायल स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के खिलाफ है. दखल देने के लिए शीर्ष अदालत की जरूरत नहीं है. रिपब्लिक टीवी इस मामले को मीडिया तमाशे में बदल रहा है.
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