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कठुआ गैंगरेप: SC ने कहा, पीड़ित को फेयर ट्रायल मिले पहली प्राथमिकता, ये अधिकार आरोपी को भी

कठुआ गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पीड़ित को फेयर ट्रायल मिले ये कोर्ट की पहली प्राथमिकता है और फेयर ट्रायल का अधिकार आरोपियों को भी है.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: कठुआ गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि पीड़ित को फेयर ट्रायल मिले ये कोर्ट की पहली प्राथमिकता है और फेयर ट्रायल का अधिकार आरोपियों को भी है. कोर्ट ये भी सुनिश्चित करेगा कि ट्रायल ट्रांसफर किया जाए या नहीं. इस मामले का ट्रायल फास्ट ट्रैक में चले और कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन ना हो. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ी तो केस को ट्रांसफर कर देंगे. शुक्रवार को होगी पीड़िता के जैविक पिता और आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करेगी.  चीफ जस्टिस ने कहा कि इस मामले में पीड़िता को ध्यान में रखा जाना चाहिए. इसलिए शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की जाएगी. वकीलों ने जो कठुआ में किया उस पर 30 जुलाई को सुनवाई होगी.

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वहीं कठुआ गैंग रेप मामले में BCI की कमेटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौपीं गई. कमेटी के अपनी रिपोर्ट में कहा कि सीबीआई जांच की मांग तर्कसंगत है. इस केस में मीडिया ने गलत रिपोर्टिंग की है. रिपोर्ट मैं कह गया कि वकीलों ने आरोपपत्र दाखिल करने में कोई रुकावट पैदा नहीं की. पीड़ित की वकील दीपिका सिंह राजावत ने जो आरोप लगाए है उनका कोई आधार नहीं है न ही वो साबित हो पाए. रिपोर्ट में कहा गया कि वकील केवल मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे.

रिटायर्ड जस्टिस तरुण अग्रवाल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम ने ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दी है.

 
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