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पश्चिम बंगाल में ओवरब्रिज बनाने के मामले में SC ने बनाई कमेटी, पांच हफ्ते में मांगा जवाब 

यह कमेटी उस विकल्प को भी देखेगी कि आखिर पेड़ों के कटने से होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है.

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प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित पांच ओवरब्रिज के मामले को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बढ़ती जनसंख्या के चलते संसाधन जुटाने के लिए पेड़ों के काटे जाने के फैसले पर चिंता जताई. और साथ ही CJI ने कहा कि जब आप हेरिटेज ट्री को काटते हैं तो उससे मिलने वाले ऑक्सीजन की कीमत भी समझें. कोर्ट ने इस पूरे मामले में चार सदस्यी कमेटी का गठन किया है, जो इन ओवरब्रिज के निर्माण पर होने वाले पर्यावरणीय नुकसान का आकनल करेगी. यह कमेटी उस विकल्प को भी देखेगी कि आखिर पेड़ों के कटने से होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेटी से अगले पांच हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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बता दें कि इस मामले की सुनवाई करते हुए CJI ने कहा कि यदि आप यदि आप ऑक्सीजन कहीं और से खरीदना चाहते हैं तो आपको ऑक्सीजन पेड़ के बराबर मात्रा के लिए भुगतान करना होगा, इसकी तुलना करें. हमारे लिए पेड़ों से ज्यादा मानव जीव प्यारा है. हमे ये देखना चाहिए कि पर्यावरण के नुकसान को कैसे बचाया जा सकता है?. इस मामले के याचिकाकर्ता एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार कुल चार हजार पेड़ काटना चाहते हैं. ये सभी पेड़ हैरिटेज ट्री हैं. हाईकोर्ट में इन्होंने कहा कि 400 पेड़ काटेंगे. प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो प्रस्तावित ओवरब्रिज की जगह अंडरब्रिज भी बनाया जा सकता है. 

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