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This Article is From Jun 22, 2020

पुरी रथयात्रा मामला: अब CJI की अगुवाई में तीन जजों वाली बेंच करेगी आज सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में ओडिशा की ऐतिहासिक सुप्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की तीन जजों की बेंच करेगी.

पुरी रथयात्रा मामला:  अब CJI की अगुवाई में तीन जजों वाली बेंच करेगी आज सुनवाई
रथ यात्रा मामले की सुनवाई CJI एस ए बोबडे की तीन जजों की बेंच करेगी.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में ओडिशा की ऐतिहासिक सुप्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की तीन जजों की बेंच करेगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच के सामने केस को मेंशन किया था. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि सदियों से चली आ रही एक रस्म को बाधित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'केवल वे लोग जिनका टेस्ट नेगेटिव आया है और भगवान जगन्नाथ मंदिर में काम कर रहे हैं, वो अनुष्ठान का हिस्सा हो सकते हैं'. केंद्र की ओर से सुझाव दिया गया है कि हालात को देखते हुए उसके हिसाब से कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे कि राज्य सरकार यात्रा के दौरान कर्फ्यू लगा सकती है. 

केंद्र और ओडिशा सरकार की दलील

केंद्र सरकार के वकील ने कहा, 'सदियों से चली आ रही परंपरा को रोका नहीं जा सकता. यह करोड़ों के आस्था की बात है. अगर भगवान जगन्नाथ कल नहीं आएंगे, तो वे परंपराओं के अनुसार 12 साल तक नहीं आ सकते हैं.' उन्होंने कहा कि 'यह सुनिश्चित करने के लिए कि महामारी ना फैले, सावधानी बरतते हुए राज्य सरकार एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा सकती है. श्री शंकराचार्य द्वारा तय किए गए अनुष्ठानों में वो सभी सेवायत भाग ले सकते हैं जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव है. लोग टीवी पर लाइव टेलीकास्ट देख सकते हैं और आशीर्वाद ले सकते हैं. पुरी के राजा और मंदिर समिति इन अनुष्ठानों की व्यवस्था की देखरेख कर सकते हैं.'

रथ यात्रा को लेकर अब ओडिशा सरकार ने भी अपना रुख बदला है. ओडिशा सरकार ने भी इसका समर्थन किया है. उसकी ओर से कहा गया है कि जन भागीदारी के बिना भी रथयात्रा आयोजित की जा सकती है. इस दौरान भीड़ जुटने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

अब इस मामले में CJI एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच मामले पर सुनवाई करेगी. सुनवाई सिंगल बेंच को करनी थी लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने दो जजों के पीठ के सामने मामले को उठाया है, जिसके बाद अब थोड़ी देर में सुनवाई हो सकती है. दरअसल, CJI बोबडे इस समय अपने गृह जिले नागपुर में हैं.  वहां उनके घर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. उसके बाद सुनवाई शुरू होगी. बाकी 2 जज- जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी दिल्ली से सुनवाई में जुड़ेंगे. 18 जून को CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने ही रथ यात्रा पर रोक का आदेश दिया था.

क्या था आदेश?

शीर्ष अदालत ने 18 जून को अपने आदेश में कहा था कि जनस्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में पुरी में इस साल रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती और 'अगर यदि हम अनुमति देते हैं तो भगवान जगन्नाथ हमें क्षमा नहीं करेंगे.' रथयात्रा 23 जून से शुरू होनी थी. इसके बाद एक जुलाई को ‘बहुदा जात्रा' (रथयात्रा की वापसी) शुरू होनी थी. आदेश के एक दिन बाद कुछ लोगों ने न्यायालय में याचिका दायर कर आदेश को निरस्त करने और इसमें संशोधन का आग्रह किया है.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने जगन्नाथ रथयात्रा पर लगाई रोक

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