नई दिल्ली:
बीजेपी ने यह मांग करके सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है कि रेल मंत्री और कानून मंत्री के बाद अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस्तीफा देना चाहिए।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, अब प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने का कोई तर्क नहीं है। प्रधानमंत्री को बचा रहे कानून मंत्री को पद से हटाने के फैसले के बाद चीजें आगे बढ़नी चाहिए। आगे यह है कि प्रधानमंत्री को अब निश्चित तौर पर इस्तीफा देना चाहिए।
रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे को काफी देर से उठाया गया कदम करार देते हुए बीजेपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसकी मांग नहीं मानकर उसने संसद का कीमती वक्त बर्बाद किया। बीजेपी ने उम्मीद जताई कि रेलवे रिश्वतखोरी कांड की जांच अब सही दिशा में आगे बढ़ेगी और सच्चाई सामने आएगी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा, दोनों मंत्रियों का इस्तीफा दिखाता है कि उनके इस्तीफे की हमारी मांग जायज थी और सरकार गैर-जरूरी तरीके से जिद पर अड़ी थी। यदि उनके इस्तीफे की हमारी मांग सरकार ने पहले मान ली होती, तो संसद सत्र जारी रह सकता था।
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, यह देर से उठाया गया एक कदम है। यदि सरकार ने बीजेपी की मांग पहले ही मान ली होती, तो वे संसद के कीमती वक्त को बर्बाद होने से बचा सकते थे। हुसैन ने कहा कि इस्तीफे में जानबूझकर देरी की गई और मंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं था। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी मतभेद के चलते इस्तीफे में देरी हुई। बीजेपी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, लूट की राज अब जल रहा है और न तो लुटेरे और न ही उनके संरक्षक अब बख्शे जाएंगे। नकवी ने कहा कि लोगों का गुस्सा अब नफरत में बदल चुका है और जनता आगामी चुनावों में भ्रष्टों को सबक सिखाएगी।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, अब प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने का कोई तर्क नहीं है। प्रधानमंत्री को बचा रहे कानून मंत्री को पद से हटाने के फैसले के बाद चीजें आगे बढ़नी चाहिए। आगे यह है कि प्रधानमंत्री को अब निश्चित तौर पर इस्तीफा देना चाहिए।
रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार के इस्तीफे को काफी देर से उठाया गया कदम करार देते हुए बीजेपी ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसकी मांग नहीं मानकर उसने संसद का कीमती वक्त बर्बाद किया। बीजेपी ने उम्मीद जताई कि रेलवे रिश्वतखोरी कांड की जांच अब सही दिशा में आगे बढ़ेगी और सच्चाई सामने आएगी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा, दोनों मंत्रियों का इस्तीफा दिखाता है कि उनके इस्तीफे की हमारी मांग जायज थी और सरकार गैर-जरूरी तरीके से जिद पर अड़ी थी। यदि उनके इस्तीफे की हमारी मांग सरकार ने पहले मान ली होती, तो संसद सत्र जारी रह सकता था।
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, यह देर से उठाया गया एक कदम है। यदि सरकार ने बीजेपी की मांग पहले ही मान ली होती, तो वे संसद के कीमती वक्त को बर्बाद होने से बचा सकते थे। हुसैन ने कहा कि इस्तीफे में जानबूझकर देरी की गई और मंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं था। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी मतभेद के चलते इस्तीफे में देरी हुई। बीजेपी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, लूट की राज अब जल रहा है और न तो लुटेरे और न ही उनके संरक्षक अब बख्शे जाएंगे। नकवी ने कहा कि लोगों का गुस्सा अब नफरत में बदल चुका है और जनता आगामी चुनावों में भ्रष्टों को सबक सिखाएगी।
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