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दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ NIFT के छात्रों की याचिका

याचिका में कहा गया कि एनआरआई कोटे में की गई फीस वृद्धि के बाद उन्हें सालाना नौ लाख रुपये से अधिक देने होंगे.

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नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) के छात्रों की ओर से फीस बढ़ोतरी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि इसे मनमाना या कठोर नहीं कहा जा सकता है. उच्च न्यायालय ने कहा कि अदालत का विचार है कि चौथे वर्ष के छात्रों की ओर से फीस बढ़ोतरी को चुनौती देने वाली याचिका अस्पष्ट है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

न्यायमूर्ति जयंतनाथ ने कहा, " फीस बढ़ोतरी को मनमाना या कठोर नहीं कहा जा सकता है. इस अदालत द्वारा किसी भी हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है. मौजूदा याचिका में कोई गुण दोष नहीं है और इसे खारिज किया जाता है."

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छात्रों ने एनआरआई कोटे के छात्रों के लिए 10 फीसदी और गैर एनआरआई कोटे के छात्रों के लिए फीस में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी को चुनौती दी थी, जिसपर अदालत ने आदेश दिया है. छात्रों ने संस्थान की ओर से जारी परिपत्र को चुनौती दी थी, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए जाने वाले फीस का उल्लेख था.

संस्थान का परिपत्र देखने के बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि गैर एनआरआई कोटे के छात्रों के लिए कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जुलाई-दिसंबर 2020 और जनवरी-जून 2021 समेस्टर की फीस को पांच प्रतिशत कम किया गया है.

याचिकाकर्ताओं मौबनी पोद्दार, अनन्या नारायणन, संस्कृति प्रियंबदा और त्विशा गुप्ता ने वकील अभीक चिमनी के जरिये दायर याचिका में कहा कि फीस में इजाफे की प्रणाली पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण है और उसमें कोई पारदर्शिता नहीं है.

याचिका में कहा गया कि एनआरआई कोटे में की गई फीस वृद्धि के बाद उन्हें सालाना नौ लाख रुपये से अधिक देने होंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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