कांग्रेस की महिला नेताओं ने कहा कि अगर 2009 में गुजरात की एक महिला वास्तुकार की अवैध जासूसी कराने के संबंध कोबरापोस्ट के दावे सही पाए जाते हैं, तो नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं होना चाहिए। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश से मामले की जांच कराने की मांग की।
केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, जयंती नटराजन, उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व प्रमुख रीता बहुगुणा जोशी और महिला कांग्रेस प्रमुख शोभा ओझा ने कहा कि गुजरात पुलिस के समूचे आतंकवाद निरोधक दस्ते द्वारा युवा महिला का पीछा करने और जासूसी करने के गंभीर आरोपों की पृष्ठभूमि में कहा कि भारत में हर महिला का सम्मान और मर्यादा दांव पर है।
कांग्रेस मुख्यालय में व्यास, नटराजन और ओझा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जोशी ने कहा, अगर सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया गया है, तो निश्चित तौर पर मोदी के पास गुजरात में शासन करने का कोई नैतिक और राजनैतिक अधिकार नहीं है। वह भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के हकदार नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष बहुगुणा ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने खुद इस रहस्य को उजागर कर दिया है कि गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह ने जिस व्यक्ति के लिए 'साहब' शब्द का इस्तेमाल किया है, वह गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। दो खोजी वेबसाइटों कोबरापोस्ट और गुलैल ने 15 नवंबर को दावा किया था कि गुजरात के पूर्व गृह मंत्री और मोदी के करीबी सहायक अमित शाह ने 'साहब' के इशारे पर एक महिला की अवैध निगरानी का आदेश दिया था।
इन वेबसाइटों ने अपने दावे की पुष्टि के लिए शाह और एक आईपीएस अधिकारी के बीच बातचीत का टेप जारी किया था। उन्होंने हालांकि कहा था कि इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती। महिला नेताओं ने आश्चर्य जताया, क्या यह अवैध जासूसी मोदी की शासन क्षमता, तरीके और शैली के बारे में नैतिक मुद्दे खड़े नहीं करती है।
उन्होंने कहा, क्या कानून, संविधान और लोगों की स्वतंत्रता का इस तरह का स्पष्ट असम्मान करने वाले व्यक्ति पर किसी सार्वजनिक जिम्मेदारी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए भरोसा किया जा सकता है। महिला नेताओं ने इस मामले पर अब तक गुजरात के मुख्यमंत्री के मौन पर आश्चर्य व्यक्त किया। नटराजन ने कहा, पहले मुख्यमंत्री को खुलासों पर जवाब देने दें। उन्होंने याद दिलाया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के कॉल विवरणों के लीक होने पर भाजपा ने जोरदार विरोध किया था और तीन दिन तक संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी थी। इसके बाद आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे और प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा, इस अवैध जासूसी गिरोह में शामिल रहने के लिए क्या मोदी, अमित शाह और अन्य के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई नहीं शुरू की जानी चाहिए।
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