नई दिल्ली : देश में ही बना युद्दपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को सोमवार यानी 20 अप्रैल को मुबंई के समुद्र में उतारा जाएगा। पुरानी परंपरा के अनुसार इसे पानी में नौसेना प्रमुख एडमिरल आरके धवन की पत्नी मीनू धवन के हाथों उतारा जाएगा। ऐसा इसलिए किया जाएगा कि किसी भी नौसेना के युद्दपोत का जलावतरण महिला के द्वारा ही किया जाता है।
एक ओर जहां ये अत्याधुनिक हथियारों लैस है, वहीं दूसरी ओर ये दुश्मन के मिसाइल को चकमा देने में भी सक्षम है। वजह यह है कि इसे स्टेल्थ तकनीक से बनाया गया है। इतना ही नहीं ये एटमी, जैविक और रासायनिक हमले के हालात में भी चुनौतियों का सामना कर सकता है। प्रोजेक्ट 15-बी के तहत इसे मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है।
खास बात ये भी है कि इसे तय सीमा के भीतर ही बनाया गया है। ये कोलकाता क्लास के निर्देशित मिसाइल विध्वंसक की अगली श्रृंखला का युद्दपोत है। ये घातक डिस्ट्रॉयर 65 फीसदी देसी है और इसमें लगे ज्यादातर हथियार देश में ही बने हैं। 7,300 टन वजनी ये नौसेना का सबसे बड़ा डिस्ट्रॉयर यानी कि विध्वंसक है, जिसमें आठ ब्रहोम्स मिसाइल लगे हैं।
इसमें 50 अधिकारी सहित तीन सौ नौसेनिक रहेंगे। इस तरह के चार युद्दपोत बनाए जाएंगे जिन पर करीब 29 हजार करोड़ की लागत आएगी। इसे 2018 तक नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।
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