
अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान के क्रैश होने से पूरा देश सदमे में है. इस दुखद हादसे में शनिवार तक 274 वहीं इस दुर्घटना ने महाराष्ट्र में परभणी के एक निवासी की 32 साल पहले हुए उस एक और विमान हादसे से जुड़ी कड़वी यादों को ताजा कर दिया, जिसमें 55 लोगों की जान चली गई थी. परभणी के पूर्व महापौर वसंत शिंदे ने एक समाचार चैनल को बताया कि वह 1993 में हुई त्रासदी में इसलिए बच गए थे क्योंकि वह कॉकपिट के पास बैठे थे, न कि पीछे के हिस्से में जहां ईंधन टैंक था.
29 अप्रैल को हुआ था हादसा
वह इंडियन एयरलाइंस के उस विमान में सवार थे, जिसने 26 अप्रैल 1993 को तत्कालीन औरंगाबाद जिले (अब छत्रपति संभाजीनगर) के चिकलठाणा हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी. औरंगाबाद-मुंबई उड़ान 491 का लैंडिंग गियर रनवे के अंत में उड़ान भरते समय सड़क पर एक ट्रक से टकरा गया. यह फिर एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले हाई-टेंशन बिजली के तारों से टकराया, जिससे इसके तीन टुकड़े हो गए और इसमें आग लग गई। विमान में सवार 112 यात्रियों में से 55 की मौत हो गई.
अहमदाबाद प्लेन क्रैश: हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में सब कुछ जलकर खाक, वीडियो आया सामने#Ahmedabad | #PlaneCrash | #AirIndia pic.twitter.com/r1K06IQayp
— NDTV India (@ndtvindia) June 14, 2025
झुलसकर मर गए लोग
शिंदे ने एक न्यूज चैनल से कहा, ‘मैं और कांग्रेस नेता रामप्रसाद बोर्डीकर, शरद पवार के कार्यक्रम के लिए मुंबई जा रहे थे. हमें पक्के तौर पर पता नहीं था कि हमें हवाई टिकट मिलेगा या नहीं, लेकिन परभणी के एक परिवार ने अपने टिकट रद्द कर दिए और इसलिए हमें जगह मिल गई. मैं भाग्यशाली था कि मैं कॉकपिट के करीब बैठा था.'शिंदे ने कहा, ‘बोर्डीकर और मुझे पीछे की सीट की पेशकश की गई थी, लेकिन हमने कॉकपिट के पास बैठना पसंद किया. हम बच गए, लेकिन पीछे के हिस्से में बैठे लोग आग में झुलसकर मर गए.'
विजय रूपाणी के टिकट का '3' वाला दुखद कनेक्शन कर रहा हैरान
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं