
आईटीबीपी के छावला, नई दिल्ली सेंटर से दोपहर 1 बजे तक कुल 302 लोगों को उनके घरों के लिए रवाना कर दिया गया है. कोरोना वायरस से नेगेटिव पाए जाने के बाद इन लोगों को आइटीबीपी की बसों में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड अलग-अलग समूहों में भेजा जा रहा है. ऐसा अनुमान है कि कल सुबह तक सभी 406 लोगों को इस केंद्र से उनके घरों के लिए भेज दिया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार यात्रियों को ब्रीफ किया जा रहा है कि क्या करना है, और क्या नहीं करना है. यात्रियों को आने वाले 14 दिनों तक सेल्फ क्वॉरेंटाइन की स्थितियों में रहना है और साफ-सफाई तथा अन्य कई प्रकार के एहतियाती उपाय भी रखने हैं.
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बता दें कि आईटीबीपी के छावला कैंप में लगातार 18 दिनों तक चीन के वुहान से आए 406 यात्रियों का विशेष ख्याल रखा गया. कोरोना वायरस से उपजी गंभीर स्थिति में भारत सरकार ने यात्रियों को चीन के वुहान से लाकर क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रखने का निर्णय लिया था. इसके लिए आईटीबीपी को जिम्मेदारी दी गई थी. यह जानते हुए कि स्थिति बहुत ही गंभीर है, यात्रियों को क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रखना,रोजाना स्वास्थ्य जांच, खानपान,हर एक प्रकार की सुविधाओं का ख्याल रखना एक बड़ी चुनौती थी.
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अलग-अलग मौकों पर जब इन लोगों की तबीयत में मामूली सा भी कोई ऐसी चीज देखने को मिली जो लक्षण आगे चलकर उन्हें और बीमार कर सकते थे उन्हें तत्काल अच्छी चिकित्सीय सुविधा भी प्रदान की गई. बच्चों, वृद्धों और महिलाओं के साथ साथ हर एक प्रकार के आयु वर्ग के लोगों को बहुत ही संजीदगी से आईटीबीपी ने अपने कैंप में रखा और इनकी सुख सुविधाओं का ख्याल रखा. चार समय भोजन के अलावा, दूध, फल, दवाइयां और यहां तक कि टेलीविजन इंडोर गेम्स की सारी सुविधाएं और फ्री वाईफाई जैसी सुविधाएं भी इन सभी को प्रदान की गईं.
कड़ाके की ठंड से बचाने के लिए सभी को रूम में इलेक्ट्रिक हीटर भी प्रदान करवाए गए. तीन से चार बार इलाके की सफाई भी करवाई जाती थी और प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा लगातार इलाकों की निगरानी रखी जाती थी. हाइजीन और सैनिटेशन पर भी विशेष ध्यान दिया जाता था.
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आईटीबीपी के लगभग 30 लोगों की डॉक्टर और मेडिक्स की टीम और साथ ही लगभग 30 से 40 अन्य प्रशासन से जुड़े हुए लोग निगरानी रख रहे थे और इन सब से इनका कुशल क्षेम पूछा जाता था. नियमित जांच के अलावा इस दौरान मेडिकल प्रोटोकॉल का और प्रोसीजर्स का विशेष तौर पर ख्याल रखा गया.
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