
SC-ST संशोधन क़ानून 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज फ़ैसला सुना सकता है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन अक्टूबर 2019 को सुनवाई पूरी होने का बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो केंद्र के इस प्रावधान को रद्द नहीं करेगा और वो यह भी स्पष्ट करेगा कि पुलिस अत्याचार अधिनियम के तहत शिकायत पर कोई कार्रवाई करने से पहले प्राथमिक जांच कर सकती है कि प्रथम दृष्टया ये पता चले कि शिकायत झूठी है या नहीं. अग्रिम जमानत के मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर पहले से ही संविधान पीठ का फैसला है कि कोर्ट को लगे कि शिकायत झूठी है तो अग्रिम जमानत दी जा सकती है.
दरअसल 20 मार्च 2018 को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के हो रहे दुरुपयोग के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इस अधिनियम के तहत मिलने वाली शिकायत पर स्वत: एफआईआर और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके बाद संसद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया गया था. इसे भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च 2018 के फैसले को वापस ले लिया था.
रवीश कुमार का प्राइम टाइम: SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने वापस लिया फैसला
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