
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा बंद करने संबंधी खबरों पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि सरकार ने या नीति आयोग ने कोई प्रस्ताव नहीं किया है।
योजना मंत्रालय और शहरी विकास एवं आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मेकापति राजामोहन रेड्डी और आर गोपालकृष्णन के सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि रेल बजट को पेश करने की परंपरा को समाप्त करने का नीति आयोग ने कोई प्रस्ताव नहीं किया है।
सरकार की इस मामले पर सदस्यों द्वारा प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीति आयोग के दृष्टिकोण से इसका कोई प्रश्न नहीं उठता। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दिनों रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अगले वित्त वर्ष से रेल बजट का आम बजट में विलय करने का समर्थन किया था और इस संबंध में उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली को कोई पत्र भी लिखा था।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
योजना मंत्रालय और शहरी विकास एवं आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। मेकापति राजामोहन रेड्डी और आर गोपालकृष्णन के सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि रेल बजट को पेश करने की परंपरा को समाप्त करने का नीति आयोग ने कोई प्रस्ताव नहीं किया है।
सरकार की इस मामले पर सदस्यों द्वारा प्रतिक्रिया पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीति आयोग के दृष्टिकोण से इसका कोई प्रश्न नहीं उठता। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दिनों रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अगले वित्त वर्ष से रेल बजट का आम बजट में विलय करने का समर्थन किया था और इस संबंध में उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली को कोई पत्र भी लिखा था।
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