
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि कमजोर गठबंधन नहीं टिकते हैं.
प्रणब मुखर्जी ने मतदाताओं की जिम्मेदारी का मुद्दा भी उठाया.
राष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय सीटों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.
मुखर्जी ने कहा कि अतीत में आमतौर से केंद्र में गठबंधन सरकारें अस्थिर सरकारों की वजहें बनती थीं जिनके कारण बार-बार चुनाव की नौबत आती थी. उन्होंने कहा कि कमजोर गठबंधन नहीं टिकते. उन्होंने साथ ही मतदाताओं की जिम्मेदारी का मुद्दा भी उठाया. राष्ट्रपति ने स्वस्थ बहस का आह्वान करते हुए कहा कि संसद महज सोच-विचार की जगह नहीं है बल्कि यह निर्णय लेने वाला निकाय है. उन्होंने चुनाव सुधारों की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सीटों को बढ़ाने पर 1976 में लगाई गई रोक, जिसे 2001 में कानून के जरिए 2026 तक बढ़ा दिया गया, के कारण आज संसद 1971 की जनगणना का प्रतिनिधित्व कर रही है जबकि उसके बाद से देश की जनसंख्या बहुत अधिक बढ़ चुकी है.
संसद की सीटों की संख्या बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा 1.28 अरब की जनसंख्या पर कुल 543 संसदीय सीट हैं. लोगों की इच्छा का सही प्रतिनिधित्व करने के लिए अब समय आ गया है कि सीटों का परिसीमन कर इनकी संख्या बढ़ाने के लिए कानूनी उपायों पर विचार किया जाए. उन्होंने कहा, "अगर ग्रेट ब्रिटेन में 600 संसदीय सीट हो सकती हैं तो फिर भारत में क्यों नहीं? अधिक जनसंख्या है तो अधिक सीट होनी चाहिए." भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित सेमिनार में प्रधान न्यायाधीश जे.एस.केहर ने भी शिरकत की.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं