
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बिहार के लिए स्पेशल पैकेज के एलान पर राजनीति तेज़ हो गई है। गुरुवार को केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शिकायत की कि नीतीश कुमार लंबे समय से स्पेशल पैकेज की मांग करते रहे और जब पीएम ने एलान किया तो उनका धन्यवाद भी नहीं किया। रविशंकर ने कहा, 'मुझे पीड़ा हुई कि नीतीश कुमार ने बिहार पैकेज के लिए एक बार भी पीएम का धन्यवाद नहीं किया'।
बिहार के लिए सवा लाख करोड़ के पैकेज के बाद नीतीश कुमार पर यह बीजेपी का नया हमला है। मगर जेडीयू का जवाब साफ़ है- पीएम ने कोई एहसान नहीं किया। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, 'ये राज्यों का हक है। पीएम ने बिहार पर कोई एहसान नहीं किया।'
दरअसल बिहार के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान एनडीए सरकार और नीतीश-लालू के बीच जारी राजनीतिक लड़ाई का केंद्र-बिंदु बन गया है। एनडीए सरकार का दावा है कि नीतीश कुमार लंबे समय तक केंद्र सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग करते रहे हैं और अब जब पीएम ने एलान किया तो उसका धन्यवाद भी नहीं दिया। उधर जेडी-यू की दलील है कि नीतिश ने स्पेशल पैकेज की मांग कभी नहीं की, वो हमेशा बिहार को विशेष दर्ज़ा दिलाने की मांग करते रहे हैं।
सवाल इस स्पेशल पैकेज पर भी है। बिहार को जो सवा लाख करोड़ मिलने हैं, वे कब मिलेंगे और किस तरह मिलेंगे। जेडीयू का आरोप है कि नई-पुरानी और आने वाले सालों की स्कीम तक इसमें जोड़ दी गई है। केसी त्यागी कहते हैं, 'इस पैकेज में कई 2014-15 के बजटीय प्रपोसल हैं। कई प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो चुका है। जैसे आईआईएम गया की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। बिहार में बन रही नई आईआईटी की बिल्डिंग भी तैयार है'।
उधर एनडीटीवी ने जब संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा कि बिहार का स्पेशल पैकेज कब तक लागू होगा, उन्होंने इशारा किया कि इसका कोई टाइम-फ्रेम नहीं तय है। उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने में जितना वक्त लगेगा, उतना लगेगा...'।
अब इस स्पेशल पैकेज को नीतीश-लालू बिहार के स्वाभिमान के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश में हैं। जाहिर है, बिहार के चुनावों में यह एक अहम मुद्दा बना रहेगा।
बिहार के लिए सवा लाख करोड़ के पैकेज के बाद नीतीश कुमार पर यह बीजेपी का नया हमला है। मगर जेडीयू का जवाब साफ़ है- पीएम ने कोई एहसान नहीं किया। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, 'ये राज्यों का हक है। पीएम ने बिहार पर कोई एहसान नहीं किया।'
दरअसल बिहार के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान एनडीए सरकार और नीतीश-लालू के बीच जारी राजनीतिक लड़ाई का केंद्र-बिंदु बन गया है। एनडीए सरकार का दावा है कि नीतीश कुमार लंबे समय तक केंद्र सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग करते रहे हैं और अब जब पीएम ने एलान किया तो उसका धन्यवाद भी नहीं दिया। उधर जेडी-यू की दलील है कि नीतिश ने स्पेशल पैकेज की मांग कभी नहीं की, वो हमेशा बिहार को विशेष दर्ज़ा दिलाने की मांग करते रहे हैं।
सवाल इस स्पेशल पैकेज पर भी है। बिहार को जो सवा लाख करोड़ मिलने हैं, वे कब मिलेंगे और किस तरह मिलेंगे। जेडीयू का आरोप है कि नई-पुरानी और आने वाले सालों की स्कीम तक इसमें जोड़ दी गई है। केसी त्यागी कहते हैं, 'इस पैकेज में कई 2014-15 के बजटीय प्रपोसल हैं। कई प्रोजेक्ट पर काम पूरा हो चुका है। जैसे आईआईएम गया की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। बिहार में बन रही नई आईआईटी की बिल्डिंग भी तैयार है'।
उधर एनडीटीवी ने जब संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद से पूछा कि बिहार का स्पेशल पैकेज कब तक लागू होगा, उन्होंने इशारा किया कि इसका कोई टाइम-फ्रेम नहीं तय है। उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने में जितना वक्त लगेगा, उतना लगेगा...'।
अब इस स्पेशल पैकेज को नीतीश-लालू बिहार के स्वाभिमान के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश में हैं। जाहिर है, बिहार के चुनावों में यह एक अहम मुद्दा बना रहेगा।
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