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This Article is From May 28, 2021

"निष्ठुर, अहंकारी" ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को 30 मिनट तक कराया इंतजार : सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के कलाईकुंडा एयर बेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ 15 मिनट की बैठक की. बैठक में चक्रवात यास से हुए नुकसान का आकलन किया गया.

"निष्ठुर, अहंकारी" ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को 30 मिनट तक कराया इंतजार : सरकार
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास पर हुई समीक्षा बैठक में नहीं शामिल हुईं ममता बनर्जी। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शुक्रवार को बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के कलाईकुंडा एयर बेस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथ 15 मिनट की बैठक की. बैठक में चक्रवात यास (Cyclone Yaas) से हुए नुकसान का आकलन किया गया. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीएम ममता का लगभग 30 मिनट का इंतजार करना पड़ा. ममता बनर्जी पीएम से मिलीं और दस्तावेज सौंपने के बाद वहां से चली गईं. इसके बाद से भाजपा ममता बनर्जी पर हमलावर है. भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने ममता बनर्जी पर प्रधानमंत्री के पद का अपमान करने का आरोप लगाया है. राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, सुवेंदु अधिकारी समेत कई भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी पर पीएम पद का आपमान करने का आरोप लगाया है.

केंद्र सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने राज्य के लोगों के कल्याण के प्रति कठोर, अभिमानी और सर्वोच्च रूप से बेपरवाह हैं. उन्होंने अपने तुच्छ व्यवहार से संघवाद को झटका दिया है राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी पर सीधे प्रधानमंत्री का "बहिष्कार" करने का आरोप लगाया है.

चक्रवात यास ने इस सप्ताह के शुरुआत में पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य ओडिशा के तटीय इलाकों को काफी नुकसान पहुंचाया है. अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी की यह पहली बैठक थी. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को हराने के लिए भाजपा ने सारे हथकंडे अपनाए थे. इसके बावजूद भी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में बड़ी जीत हासिल की. कई सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे के बाद भी ममता बनर्जी की पार्टी ने राज्य में अपना परचम लहराया.

समीक्षा बैठक से पहले ममता बनर्जी ने कहा, "मैं सिर्फ 15 मिनट के लिए वहां जाऊंगी. मैं समीक्षा बैठक के लिए वहां नहीं रहूंगी. मैं नुकसान के विवरण के साथ एक पेपर सौंप दूंगी." बता दें कि आखिरी बार पीएम मोदी और ममता बनर्जी की मुलाकात 23 जनवरी को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के अवसर पर हुई थी. उस शाम ममता बनर्जी के भाषण के बीच "जय श्री राम" के नारे लगने लगे थे. तब वे गुस्से में अपना भाषण पूरा किए बिना ही मंच से चली गईं थीं.

सीएम ममता ने ट्वीट कर कहा, ''हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद, मैं कलाईकुंडा में माननीय प्रधानमंत्री से मिली और उन्हें पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति से अवगत कराया. उन्हें चक्रवात से हुए नुकसान के अवलोकन के लिए आपदा रिपोर्ट सौंपी गई है. मैं अब दीघा में राहत और बहाली कार्य की समीक्षा करने के लिए निकल रही हूं.''

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चक्रवात तूफान को लेकर हुई समीक्षा बैठक में  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं. इस बैठक में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी शामिल थे. सुवेंदु भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी के भरोसेमंद सहयोगी थे.

समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात यास से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया. चक्रवात ने राज्य के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, दीघा, पूर्वी मेदिनीपुर और नंदीग्राम जिलों में भारी तबाही मचाई है.

ममता बनर्जी ने अपने राज्य में चक्रवात से ₹ 15,000 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया है - जिसमें तीन लाख घर और 134 तटबंध नष्ट हो गए हैं. वह पहले ही ₹ 1,000 करोड़ के बचाव पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं, और अधिकारियों को उनके राहत प्रयासों में घर-घर जाने का आदेश दिया है. इस सप्ताह की शुरुआत में उन्होंने कहा कि चक्रवात के कारण 15 लाख से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालना पड़ा.

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प्रधानमंत्री पहले ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिल चुके हैं. पीएम मोदी और सीएम पटनायक आज सुबह भुवनेश्वर में मिले, जिसके बाद उन्होंने राज्य के चक्रवात प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया.

चक्रवात यास ने उत्तर ओडिशा तट पर - बालासोर से लगभग 20 किमी दक्षिण में - बुधवार को 130-140 किमी प्रति घंटे की हवाओं और 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लैंडफॉल बनाया. चक्रवात की चपेट में आकर ओडिशा के कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है. बंगाल के दीघा कस्बे में चौथे व्यक्ति की मौत सामने आई. बचाव और राहत प्रयासों में मदद के लिए दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की 100 से अधिक टीमों को तैनात किया गया है.

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