
सोशल मीडिया पर भरतीयों ने कंपनी को जमकर निशाना बनाया...
नई दिल्ली:
स्नैपचैट के एक पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि इस सोशल मीडिया कंपनी के सीईओ ईवान स्पिगल को भारत जैसे 'गरीब देशों' में अपने व्यवसाय का विस्तार करने में कोई रुचि नहीं है. यह बयान आते ही बवाल मच गया. सोशल मीडिया पर भरतीयों ने कंपनी को जमकर निशाना बनाया और अपनी नाखुशी जाहिर की. जल्द ही #BoycottSnapchat ट्रेंड करने
लगा. लोग ने तत्काल ऐप को अनस्टॉल करना शुरू कर दिया और उसे खराब रेटिंग देना शुरू कर दिया. हालांकि, कई यूजर्स ने स्नैपचैट की बजाय स्नैपडील को ही अनस्टॉल कर दिया.
इतनी बड़ी गलती तब सामने आई जब लोगों ने स्नैपडील अनस्टॉल करने के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट करना शुरू किए.
एक उदाहरण पर आप खुद नजर दौड़ा लीजिए :
लगा. लोग ने तत्काल ऐप को अनस्टॉल करना शुरू कर दिया और उसे खराब रेटिंग देना शुरू कर दिया. हालांकि, कई यूजर्स ने स्नैपचैट की बजाय स्नैपडील को ही अनस्टॉल कर दिया.
इतनी बड़ी गलती तब सामने आई जब लोगों ने स्नैपडील अनस्टॉल करने के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट करना शुरू किए.
एक उदाहरण पर आप खुद नजर दौड़ा लीजिए :
यह पहला मौका नहीं है जब लोगों ने स्नैपडील का बहिष्कार किया हो. 2015 में कंपनी के ब्रांड एंबैसेडर आमिर खान द्वारा असहिष्णुता वाला बयान देने पर सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला था. हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्नैपचैट ने इन आरोपों का खंडन किया है. वैरायटी के ही अनुसार कंपनी के एटर्नी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'सच तो यह है कि पोमप्लायनो को स्नैप के मौजूदा मैट्रिक के बारे में कुछ नहीं पता.'Meanwhile in Playstore. Snapdeal is collateral damage. https://t.co/KXSOR1tqYW pic.twitter.com/DqRzNUXV02
— Reddit India (@redditindia) April 16, 2017
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