
चुनाव से ठीक पहले दल-बदल कर भाजपा या शिवसेना में शामिल होने वाले कुछ प्रतिष्ठित चेहरों को बृहस्पतिवार को आए चुनाव के नतीजों में शिकस्त का सामना करना पड़ा. हार का मुंह देखने वालों में कैबिनेट मंत्री जयदत्त क्षीरसागर भी शामिल हैं. शिवसेना के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे क्षीरसागर को उन्हीं के भतीजे संदीप क्षीरसागर ने राकांपा उम्मीदवार के तौर पर पराजित कर दिया. एनसीपी के पूर्व मंत्री मधुकर पिचड के बेटे वैभव पिचड चुनाव से कुछ दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. उन्हें अकोले सीट से एनसीपी के डॉ किरण लहामाटे ने 57,689 वोटों से हराया. दिलचस्प है कि लाहमटे सालों से बीजेपी के कार्यकर्ता थे और पिचड परिवार का विरोध करते थे, लेकिन वैभव को पार्टी में शामिल करने के भाजपा के फैसले से नाराज होकर लाहमटे एनसीपी में शामिल हो गए और चुनाव जीत गए.
चुनाव से पहले शिवसेना में शामिल होने वाले दो विधायक पांडुरंग बरोरा और निर्मला गावित क्रमश: शाहपुर और इगतपुरी से चुनाव हार गए, बरोरा राकांपा और गावित कांग्रेस की विधायक थी. कांग्रेस से पाला बदलकर बीजेपी में जाने वाले पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल एनसीपी के दत्तात्रे भरणे से हार गए. गोंडिया से कांग्रेस के विधायक रहे गोपालदास अग्रवाल चुनाव से ऐन पहले बीजेपी में आ गए थे लेकिन इस बार बीजेपी की टिकट पर अपनी सीट बचा पाने में नाकाम रहे. हालांकि ऐसा नहीं है कि सभी दल-बदलुओं को शिकस्त खानी पड़ी हो, कुछ ने जीत भी हासिल की है.
विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता और कांग्रेस सदस्य राधाकृष्णन विखे पाटिल ने बीजेपी का दामन थाम लिया था और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वह शिरडी से जीत गए हैं. गणेश नाइक ने एरोली सीट से भाजपा के टिकट पर राकांपा उम्मीदवार गणेश शिंडे को 57,622 वोटों से हराया. गणेश नाइक पहले राकांपा में थे. भाजपा का दामन थामने वाले राकांपा नेता अजित पवार के भतीजे राणा जगजीत सिंह पाटिल ने तुलजापुर से फतह हासिल की है. एनसीपी ने नमिता मुंदडा की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया था, बावजूद इसके वह भाजपा में शामिल हो गई थीं. उन्होंने कैज सीट से राकांपा के पृथ्वीराज साठे को शिकस्त दी है. बीजेपी में शामिल होने वाले विवादित नेताओं में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे कंकवली सीट से जीत गए हैं। उनके खिलाफ शिवसेना ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया था.
पूर्व कांग्रेस नेता जयकुमार गोरे भाजपा के टिकट पर माण सीट से जीत गए। राकांपा के नेता रहे शिवेंद्र सिंह भोसले भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर सातारा-जावली सीट जीत गए. बीजेपी के टिकट पर राहुल नारवेकर कोलाबा से और कालिदास कोलम्बकर वडाला से जीत गए हैं. नारवेकर एनसीपी में थे जबकि कोलम्बकर कांग्रेस में थे. कांग्रेस के विधायक रहे काशीराम पवारा भाजपा के टिकट पर शीरपुर से जीत गए हैं जबकि कांग्रेस से शिवसेना में गए अब्दुल सत्तार भी सिल्लोड से जीत गए हैं.
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