ऐतिहासिक यात्रा पर रामल्‍ला पहुंचे पीएम मोदी, ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ से हुए सम्‍मानित

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  फिलस्तीन जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. होंगे. चार दिन की पश्चिमी एशिया की यात्रा पर निकले पीएम मोदी सबसे पहले शुक्रवार को जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की थी. भारत के विदेश संबंध में खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बताते हुए मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा था कि उनकी यात्रा का लक्ष्य क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करना है.​

ऐतिहासिक यात्रा पर रामल्‍ला पहुंचे पीएम मोदी, ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ से हुए सम्‍मानित

पीएम मोदी फिलीस्तीन के पूर्व राष्ट्रपति यासिर अराफात के मेमोरियल पर श्रद्धांजलि देते

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  अपनी ऐतिहासिक फिलिस्‍तीन यात्रा पर शनिवार को रामल्ला पहुंचे. फिलिस्‍तीन की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. फिलिस्‍तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भारत एवं फिलिस्‍तीन के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान को देखते हुए उन्हें ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन’ सम्मान से सम्मानित किया.

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मोदी जॉर्डन सेना के हेलीकॉप्टर पर सवार होकर अम्मान से सीधे रामल्ला पहुंचे जहां फिलिस्‍तीन के प्रधानमंत्री रामी हमदल्ला ने उनका स्वागत किया. मोदी तीन देशों की यात्रा पर हैं. फिलिस्‍तीन की धरती पर कदम रखने के बाद मोदी ने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक यात्रा है जो मजबूत द्विपक्षीय सहयोग की ओर ले जाएगा.’’ प्रधानमंत्री मोदी अपने समकक्ष हमदल्ला के साथ फिलिस्‍तीनी नेता यासर अराफात के मकबरे पर गये और पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. मकबरे को 10 नवंबर, 2007 को जनता के लिए खोला गया था और यह फिलिस्‍तीन के राष्ट्रपति आवास परिसर के पास स्थित है. अराफात को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी मकबरे के पास स्थित अराफात संग्रहालय में भी गये. बाद में राष्ट्रपति अब्बास ने औपचारिक वार्ता शुरू करने से पहले रामल्ला स्थित राष्ट्रपति कार्यालय पर प्रधानमंत्री मोदी का औपचारिक स्वागत किया. दोनों नेता गले मिले और दोनों देशों के राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े रहे. उन्होंने सलामी गारद ली. उन्होंने फिलिस्‍तीनी और भारतीय अधिकारियों के साथ हाथ मिलाये. फिर दोनों नेता औपचारिक बातचीत के लिए राष्ट्रपति कार्यालय के भीतर गये. बातचीत के बाद दोनों नेता द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद दोपहर का भोजन करेंगे. इसके बाद मोदी हेलीकॉप्टर से अम्मान रवाना हो जाएंगे.

इससे पहले भारत को ‘‘अंतरराष्ट्रीय परिदृष्य में बहुत सम्मानित देश’’ बताते हुए राष्ट्रपति अब्बास ने कहा था, ‘‘हम हाल में हुई चीजों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करेंगे, हम शांति प्रक्रिया, द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिति के संबंध में बात करेंगे. क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत क्या संभावित भूमिका निभा सकता है, इस पर भी चर्चा होगी. इसके अलावा दोनों देशों के मौजूदा संबंधों से इतर विभिन्न आर्थिक पहलुओं पर भी चर्चा होगी.’’ फिलिस्‍तीन के 82 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम समझौते तक पहुंचने के लिए फिलिस्‍तीनी और इस्राइलियों के बीच वार्ता के लिए बहुपक्षीय मंच तैयार करने में भारत बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. अब्बास का कहना है कि मोदी की यह यात्रा क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन करने वाले भारत के चिर-स्थाई रुख को दर्शाती है. इस्राइली मीडिया में इस यात्रा को प्रमुखता से जगह दी गई है. कई खबरों में इस पर नाखुशी जताई गई है. बहुत से इस्राइली अराफात को इस क्षेत्र में कई निर्दोष नागरिकों की हत्या और हिंसा भड़काने के लिए दोषी मानते हैं.

पीएम मोदी को फिलिस्‍तीन का ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट’ सम्‍मान
फिलिस्‍तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भारत एवं फिलिस्‍तीन के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदान को देखते हुए उन्हें ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन’ सम्मान से सम्मानित किया. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक के समापन के बाद फिलिस्‍तीन के राष्ट्रपति अब्बास ने मोदी को ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्‍तीन’ से सम्मानित किया. ‘ग्रैंड कॉलर’ विदेशी गणमान्यों - शाह, राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों एवं समान पद के व्यक्तियों को दिया जाने वाला फिलिस्‍तीन का सर्वोच्च सम्मान है. इससे पहले यह सम्मान सऊदी अरब के शाह सलमान, बहरीन के शाह हमाद, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग एवं अन्य को दिया जा चुका है.

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प्रशस्ति पत्र में लिखा है, ‘‘यह उनके कुशल नेतृत्व एवं उनके उत्कृष्ट राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कद को देखते हुए एवं फिलिस्‍तीन राष्ट्र तथा भारतीय गणतंत्र के बीच ऐतिहासिक संबंधों को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की सराहना तथा क्षेत्र में शांति बनाये रखने के लिये आजादी और हमारे लोगों के आजादी के हक को उनका समर्थन देने का सम्मान करते हैं.’’

(इनपुट भाषा से...)


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