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This Article is From Jan 21, 2018

हज सब्सिडी की समाप्ति : जानते हैं कितने लोगों पर पड़ेगा इसका असर? और कितनों पर नहीं...

जिन हज यात्रियों ने दिल्ली, मुंबई और कोलकता जैसे बड़े शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का चुनाव किया है, उनके हज के खर्च में मामूली बढ़ोतरी ही होगी.

हज सब्सिडी की समाप्ति : जानते हैं कितने लोगों पर पड़ेगा इसका असर? और कितनों पर नहीं...
हज सब्सिडी की समाप्ति : जानते हैं कितने लोगों पर पड़ेगा इसका असर? यह रहे आंकड़े... (प्रतीकात्मक फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
80 फीसदी हज यात्रियों पर कोई खास फर्क नहीं
हज सब्सिडी खत्म कर दी गई है
करीब सवा लाख हज यात्री हज समिति के जरिये हज के लिये जाएंगे
नई दिल्ली: हज सब्सिडी खत्म कर दी गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बावजूद इस बार 80 फीसदी हज यात्रियों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है और उनको पिछले साल दी गई राशि के लगभग ही भुगतान करना होगा. इसकी वजह हज यात्रियों को प्रस्थान/आगमन स्थलों (इम्बारकेशन प्वाइंट) का विकल्प दिया जाना है. जिन हज यात्रियों ने दिल्ली, मुंबई और कोलकता जैसे बड़े शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का चुनाव किया है, उनके हज के खर्च में मामूली बढोतरी ही होगी.

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भारतीय हज समिति का कहना है कि बड़े शहरों के प्रस्थान/आगमन स्थलों का चुनाव 80 फीसदी से ज्यादा हज यात्रियों ने किया है. इस बार करीब सवा लाख हज यात्री हज समिति के जरिये हज के लिये जाएंगे. हज समिति के सदस्य मोहम्मद इरफान अहमद ने बताया, " छोटे शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट से जाने वालों को ही मुख्य रूप से सब्सिडी मिलती थी. इस बार उनको बड़े शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का विकल्प दिया गया था और 80 फीसदी हज यात्रियों ने इस विकल्प का चुनाव किया है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि 80 फीसदी हज यात्रियों पर सब्सिडी खत्म होने का कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है."

अहमद ने कहा, "जिन हज यात्रियों ने कहा कि वो ज्यादा पैसे खर्च कर सकते हैं उन्होंने छोटे शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का चुनाव किया." भारतीय हज समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान ने भी कहा कि सब्सिडी खत्म होने का असर मुख्य रूप से उन हज यात्रियों पर होगा जिन्होंने छोटे शहरों के प्रस्थान/आगमन स्थलों इम्बारकेशन प्वाइंट) से हज के लिये जाने का विकल्प चुना है.

मसलन, अगर बिहार का कोई व्यक्ति गया से जाता है तो उसे हवाई किराये के तौर पर एक लाख 10 हजार रुपये अदा करने होंगे, लेकिन अगर बिहार का ही कोई हज यात्री कोलकाता से जाता है तो उसको करीब 75 हजार रुपये ही देने होंगे. खान ने कहा, "आवेदन में इस बार स्पष्ट कर दिया गया था की छोटे शहरों के इम्बारकेशन प्वाइंट का चुनाव करने वालों को अधिक किराया देना होगा. ऐसे में लोगों ने अपने वित्तीय इंतजाम और सहूलियत के मुताबिक विकल्प चुने होंगे."

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बीते 16 जनवरी को अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस साल से हज सब्सिडी खत्म किए जाने की घोषणा की थी.  2017 में ग्रीन श्रेणी में प्रत्येक हज यात्री से करीब 2,34,000 रुपये लिए गए थे और अजीजिया श्रेणी में करीब दो लाख रुपये लिए गए थे. गौरतलब है कि ग्रीन श्रेणी के तहत जाने वाले हज यात्री के लिए मुख्य हज स्थल के कुछ सौ मीटर के दायरे में आवास की व्यवस्था की जाती है, जबकि अजीजिया श्रेणी में आवास की व्यवस्था मुख्य हज स्थल से कुछ किलोमीटर दूर की जाती है.

इनपुट- भाषा

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