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This Article is From Jul 15, 2014

सरकार ने यूपीएससी से सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थागित करने का आग्रह किया

नई दिल्ली:

सिविल सेवा परीक्षा से सीसैट को रद्द करने की मांग के बीच सरकार ने आज संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) से तब तक के लिए प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने का आग्रह किया जब तक इसके पाठ्यक्रम और परीक्षा के प्रारूप पर स्पष्ट स्थिति सामने नहीं आ जाती है। प्रारंभिक परीक्षा अगले माह होना निर्धारित है।

हालांकि प्रांरभिक परीक्षा टालने के सरकार के अनुरोध को लेकर संघ लोक सेवा आयोग इच्छुक नहीं दिख रहा। यूपीएससी सूत्रों का कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा की एक लंबी प्रक्रिया होती है और ऐसे में इस समय इससे स्थगित करना संभव नहीं। हालांकि, यूपीएससी ने इस संबंध में आधिकारिक रूप से कोई जवाब नहीं दिया है।

गौरतलब है कि कार्मिक, लोक शिकायत एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'हम यूपीएससी और समिति से आग्रह करते हैं कि इस मामले और समाज के सभी वर्गों के लोगों की चिंताओं पर गंभीरता से विचार करे। उन्हें प्रारंभिक परीक्षा की तिथि स्थगित करने पर भी विचार करना चाहिए।'

समिति का गठन इस मामले पर विचार करने के लिए किया गया है। सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक) 24 अगस्त को होना निर्धारित है।

इससे पहले सोमवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यूपीएससी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था और सिविल सेवा परीक्षा से सीसैट को समाप्त करने की मांग करते हुए कहा था कि इस प्रारूप से हिन्दी में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को नुकसान की स्थिति का सामना करना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'जब तक इस विषय पर अंतिम निष्कर्ष से जुड़ी रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती है, तब इस परीक्षा के लिए तैयारी करने वाले लड़के एवं लड़कियां, उस तरह से परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाएंगे जैसी उन्हें करनी चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'जब तक पाठ्यक्रम और परीक्षा के प्रारूप के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक उन्हें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। हम संबंधित अधिकारियों को सुझाव देते हैं कि वे आईएएस परीक्षा (प्रारंभिक) को स्थगित करने पर विचार करें।' इस विषय पर छात्रों के एक समूह ने आज सिंह से मुलाकात भी की थी।

मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी प्रदर्शन करने वाले छात्रों से मिलेंगे और उनसे उपवास समाप्त करने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा, 'हमें यह देखकर चिंता होती है कि हमारे छात्र उपवास कर रहे हैं। हम उन्हें समझाने में सफल हो गए है। उन्हें ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए।'

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