अमेरिका में भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी की घटना का असर दोनों देशों के रिश्तों पर दिखने लगा है। दिल्ली पुलिस ने दूतावास के बाहर लगे सारे बैरिकेड्स हटा दिए हैं। भारत ने देश में मौजूद सभी अमेरिकी राजनयिकों को अपना आई-कार्ड जमा कराने का आदेश दिया है।
साथ ही अमेरिकी राजनयिकों के एयरपोर्ट पास वापस लिए जा रहे हैं। अमेरिकी दूतावास में काम करने वाले सभी भारतीय कमर्चारियों की सैलरी की जानकारी मांगी गई है। राजनयिकों के घरेलू नौकरों की भी सैलरी पूछी गई है। भारत में अमेरिकी स्कूलों के सभी टीचरों के वीज़ा की जानकारी मांगी जा रही है। टीचरों की सैलरी और बैंक खातों की जानकारी मांगी जा रही है। अमेरिकी दूतावास के आयात पर पाबंदी लगाई जा रही है।
इधर, भारतीय राजनयिक के साथ न्यूयॉर्क में हुए गलत व्यवहार के विरोध में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया है।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और बीजेपी नेता नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दल से मिलने से इनकार कर दिया था। इससे पहले वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने भी अपना विरोध दर्ज कराया था।
दरअसल, न्यूयॉर्क में तैनात भारतीय काउंसलेट की अधिकारी देवयानी खोबरागडे को अपनी नौकरानी के वीजा के लिए फर्जी दस्तावेज देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जिस तरह से उनकी गिरफ्तारी की गई थी उस पर भारत सरकार ने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
इससे पहले खबरें आई थीं कि अमेरिका के न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोब्रागडे की गिरफ्तारी के समय सघन तलाशी (कपड़े उतारकर) ली गई थी और उसे नशेड़ियों के साथ जेल में रखा गया था।
एनडीटीवी ने जब देवयानी से इस बारे में जानने के लिए संपर्क किया तब उनका कहना था कि वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगी।
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