यह ख़बर 17 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रिटेल में एफडीआई : बहस ठीक, लेकिन वोटिंग को सरकार तैयार नहीं!

खास बातें

  • सरकार एफडीआई समेत दूसरे मुद्दों पर संसद में विपक्ष से निपटने की तैयारी कर रही है और इसी की तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को बीजेपी के कई नेताओं को डिनर के लिए बुलाया है।
नई दिल्ली:

सरकार एफडीआई समेत दूसरे मुद्दों पर संसद में विपक्ष से निपटने की तैयारी कर रही है और इसी की तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को बीजेपी के कई नेताओं को डिनर के लिए बुलाया है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार इस बात का मन बना चुकी है कि वह रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर बहस को राजी है लेकिन वह इस मुद्दे पर संसद में वोटिंग नहीं कराना चाहती।

सूत्र बता रहे हैं कि सरकार यही बात विपक्ष तक आज शाम को आयोजित डिनर पार्टी में तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को अवगत करा देगी।

आज की डिनर पार्टी में वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली शामिल हैं।

यह डिनर इस लहज़े से भी ख़ास होगा क्योंकि शीतकालीन सत्र में बीजेपी सरकार को एफ़डीआई के अलावा भ्रष्टाचार, तेल के दामों में बढ़ोतरी और एलपीजी जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रही है। वहीं, सरकार इस डिनर के माध्यम से विपक्ष का साथ चाहती है ताकि संसद में लटके हुए बिलों को पास कराया जा सके।

इसमें लोकपाल बिल और भूमि अधिग्रहण बिल शामिल हैं। वहीं, वित्तमंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि विपक्ष को सरकार का बिल पास कराने में साथ देना चाहिए न कि किसी एक मुद्दे को लेकर संसद में हंगामा करना चाहिए।

इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने घटक दलों के नेताओं को खाने पर बुलाया। रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर पत्ते नहीं खोलने वाली डीएमके के नेता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के डिनर में शामिल हुए।

डिनर से पहले सोनिया गांधी, पी चिदंबरम, अहमद पटेल, एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे और नारायणसामी के बीच बैठक हुई।
डीएमके सहित यूपीए के घटक दलों ने कहा है कि सरकार को संसद में वोटिंग से बचना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक सरकार नियम 193 के तहत नोटिस मानने को तैयार है इसमें वोटिंग नहीं होती।

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सरकार इस बात को बीजेपी के साथ होने वाले डिनर के कार्यक्रम के दौरान बताएगी। उधर, विपक्ष सरकार से एफडीआई पर वोट कराना चाहता है।