Coronavirus : महाराष्ट्र में सख्ती से लॉकडाउन के बावजूद मजदूरों का पलायन जारी

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक केस, दूसरे राज्यों के लिए पैदल पलायन करने वाले आगे बढ़ते जा रहे

मुंबई:

सरकार की सख्ती के बावजूद मुंबई सहित देश के महानगरों और महाराष्ट्र के कई शहरों से मजदूरों का पलायन जारी है. कोई चोरी छिपे तो कोई पैदल ही अपने घर जाने की फिराक में है. टेम्पो और ट्रक में छिपकर जाने वाले तो पकड़े जा रहे हैं पर पैदल चलने वाले आगे बढ़ते जा रहे हैं. गौरतलब है कि देश में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस (Coronavirus) के सबसे अधिक केस सामने आ चुके हैं. इस पलायन से कोविड 19 वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है.

बेंगलुरु में फर्नीचर बनाने का काम करने वाले वीजा राम अपने साथी बनवारी के साथ चार दिन से पैदल चल रहे हैं. वे चार दिन बाद बेंगलुरु-पुणे हाईवे पर पैदल चलते हुए मुंबई पहुंचे हैं और अब मुंबई- अहमदाबाद हाईवे पर चलते हुए राजस्थान की तरफ आगे बढ़ रहे हैं. अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए उनको अभी एक हजार किलोमीटर और चलना है. वीजा राम का कहना है कि वहां रुक कर क्या करते? खाना खाने के भी पैसे खत्म हो रहे थे. ऊपर से राजस्थान में घर वाले परेशान हैं.

वीजा राम के साथ बनवारी भी हैं. बनवारी ने चप्पल पहन रखी है. उनके पैर में सूजन होने लगी है, लेकिन चलना मजबूरी है.

पैदल चलने वाले अलग-अलग और दूर-दूर चल रहे हैं, इसलिए वे तो पुलिस की नजर से बचकर आगे बढ़ते जा रहे हैं. पर टेम्पो और ट्रक में छिपकर जाने वाले रात के अंधेरे में भी पकड़े जा रहे हैं. मुंबई पुलिस ने चोरी छिपे लोगों को टेम्पो और ट्रक में भरकर ले जाने वालों की कांदिवली, अंधेरी और शिवड़ी में धरपकड़ की और फिर वापस घर भेज दिया.

नासिक में भी करीब 500 मजदूर हाईवे पर पकड़े गए. सभी ट्रक और ट्रेलर के अंदर बैठकर उत्तरप्रदेश जाने की फिराक में थे. पुलिस ने प्रशासन की मदद से अब सभी को रिलीफ कैम्प में भेज दिया है. रविवार को इगतपुरी में एक रेल गाड़ी में बड़ी संख्या में मजदूर बैठे हुए मिले. सवाल है कि जब  लॉकडाउन में यात्री रेलगाड़ियां बंद हैं तो ये रेलगाड़ी इगतपुरी स्टेशन आई कैसे? मध्य रेलवे का कहना है पार्किंग के लिए जा रही खाली रेल गाड़ी में कुछ लोग बैठ गए थे. पता चलने पर रेलगाड़ी को वापस मुंबई बुला लिया गया.

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देश लॉकडाउन है, राज्य और जिले की सीमाएं सील हैं, लेकिन पेट की भूख सील नहीं की जा सकती. राज्य सरकार ने 262 रिलीफ कैम्प बनाकर 70 हजार 399 मजदूरों को शरण देने का दावा किया है लेकिन ये भी सच है कि मजदूरों का पलायन जारी है.