केंद्र सरकार ने COVID-19 के दो टीके और एक एंटी-वायरल दवा को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए बताया कि कोरोना वैक्सीन Corbevax और Covovax और एंटी-वायरल दवा Molnupiravir का इस्तेमाल इमरजेंसी में किया जा सकता है. स्वास्थ्य मंत्री ने एक ट्वीट में लिखा है, 'CORBEVAX वैक्सीन भारत की पहला स्वदेशी 'RBD प्रोटीन सब-यूनिट' वैक्सीन है. यह भारत में विकसित तीसरा टीका है! इसे हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई ने बनाया है.'
साथ ही अन्य में ट्वीट में लिखा है, 'Nanoparticle वैक्सीन, COVOVAX का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा. एंटीवायरल दवा Molnupiravir अब देश में 13 कंपनियों द्वारा बनाई जाएगी. इसका इस्तेमाल COVID-19 के वयस्क रोगियों या ज्यादा जोखिम वाले मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति में शर्तों के साथ किया जाएगा.
Congratulations India ????????
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 28, 2021
Further strengthening the fight against COVID-19, CDSCO, @MoHFW_INDIA has given 3 approvals in a single day for:
- CORBEVAX vaccine
- COVOVAX vaccine
- Anti-viral drug Molnupiravir
For restricted use in emergency situation. (1/5)
स्वास्थ्य मंत्री ने साथ ही कहा है कि इन सभी मंजूरियों से महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को और मजबूती मिलेगी.
भारत में अब तक Covisheeld, Covaxin, ZyCoV-D, Sputnik V, Moderna, Johnson and Johnson, Corbevax और Covovax को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल चुकी है.
बता दें, केन्द्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने सोमवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविड टीके कोवोवैक्स और बायोलॉजिकल ई कंपनी के टीके कोर्बेवैक्स को कुछ शर्तों के साथ आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति देने की सिफारिश की थी. साथ ही एसईसी ने देश में कोविड की दवा मोलनुपीराविर की आपात स्थिति में नियंत्रित उपयोग की सिफारिश की गई थी. एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इसके संबंध में पहला आवेदन अक्टूबर में दिया था.
डीसीजीआई कार्यालय ने 17 मई को एसआईआई को ‘कोवोवैक्स' टीके के निर्माण और भंडारण की अनुमति दे दी थी. डीसीजीआई की मंजूरी के आधार पर ही अभी तक पुणे स्थित कम्पनी टीके की खुराक का निर्माण और भंडारण कर रही है.
वहीं, अगस्त 2020 में, अमेरिका की टीका बनाने वाली कम्पनी ‘नोवावैक्स इंक' ने एनवीएक्स-सीओवी2373 (कोविड-19 रोधी संभावित टीका) के विकास और व्यावसायीकरण के लिए एसआईआई के साथ एक लाइसेंस समझौते की घोषणा की थी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 17 दिसंबर को ‘कोवोवैक्स' टीके के आपात स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी.
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में ‘मर्क' कम्पनी की कोविड-19 रोधी ‘मोलनुपिराविर' दवा को संक्रमण के उन मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत कर दिया था, जिन्हें इस बीमारी से खतरा अधिक है. इससे पहले, नवंबर में ब्रिटेन ने ‘मर्क' की दवा को सशर्त अधिकृत किया गया था, जो कोविड-19 के सफलतापूर्वक इलाज के लिए बनाई गई पहली गोली है. पृथक-वास में रहने वाले मामूली या हल्के लक्षण वाले मरीजों को इस गोली को पांच दिन तक दिन में दो बार लेना होगा.
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