
त्रिवेंद्र सिंह रावत इससे पहले राज्य में बीजेपी की सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं.
बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बन गए हैं. उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए. मुख्यमंत्री की रेस में माने जा रहे सतपाल महाराज को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हरक सिंह रावत भी मंत्री बनाए गए हैं.
आइए डालते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रोफाइल पर एक नजर:
1.अमित शाह के करीबी माने जाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत दो दशकों तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं.
2. वह 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और उस दौरान वह उत्तराखंड अंचल और बाद में राज्य के संगठन सचिव रहे हैं.
3.56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट की नुमाइंदगी करते हैं. इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं.
4.वह पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से एमएलए बने. तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं. वह 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे.
5.कृषि मंत्री रहने के दौरान बीज घोटाले में उनका नाम आया. हालांकि त्रिवेंद्र रावत का इस पर कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा जांच कराने पर भी उनका नाम नहीं आया
6.रावत ने इतिहास से एमए किया है और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है.
7.चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और उनके पास करीब 1 करोड़ की संपत्ति है.
आइए डालते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रोफाइल पर एक नजर:
1.अमित शाह के करीबी माने जाने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत दो दशकों तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं.
2. वह 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और उस दौरान वह उत्तराखंड अंचल और बाद में राज्य के संगठन सचिव रहे हैं.
3.56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट की नुमाइंदगी करते हैं. इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं.
4.वह पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से एमएलए बने. तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं. वह 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे.
5.कृषि मंत्री रहने के दौरान बीज घोटाले में उनका नाम आया. हालांकि त्रिवेंद्र रावत का इस पर कहना है कि कांग्रेस सरकार द्वारा जांच कराने पर भी उनका नाम नहीं आया
6.रावत ने इतिहास से एमए किया है और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है.
7.चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है और उनके पास करीब 1 करोड़ की संपत्ति है.
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