अदालत ने केजरीवाल के पूर्व पीएस, छह अन्य को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा

अदालत ने केजरीवाल के पूर्व पीएस, छह अन्य को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा

राजेंद्र कुमार का फाइल फोटो

खास बातें

  • एजेंसी ने कहा कि एक दूसरे का सामना कराने के लिए उनकी जरूरत है
  • शनिवार को गिरफ्तार दो अन्य आरोपियों को एजेंसी की हिरासत में भेजा गया
  • एजेंसी ने कहा कि 5 आरोपियों से पूछताछ के दौरान छह और पतों का खुलासा हुआ
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को एक कथित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और छह अन्य को उस समय तीन दिन की सीबीआई की हिरासत में भेज दिया जब एजेंसी ने कहा कि एक दूसरे का सामना कराने के लिए उनकी जरूरत है।

 विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वर्ष 1989 बैच के यूटी कैडर के आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार, केजरीवाल के कार्यालय के उपसचिव तरुण शर्मा, कुमार के करीबी सहयोगी अशोक कुमार और एक निजी फर्म के मालिकों संदीप कुमार तथा दिनेश कुमार गुप्ता को एजेंसी की हिरासत में भेजा। इन लोगों को एक दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर अदालत के सामने पेश किया गया था।

अदालत ने एक पीएसयू के वर्तमान प्रबंध निदेशक आरएस कौशिक और उनके पूर्ववर्ती जीके नंदा को भी एक दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर सीबीआई हिरासत में भेजा। इससे पहले कुमार, तरुण, अशोक, संदीप और दिनेश को पांच दिन के लिए सीबीआई हिरासत में भेजा गया था जबकि शनिवार को गिरफ्तार दो अन्य आरोपियों को सोमवार को एजेंसी की हिरासत में भेजा गया।

सभी सात आरोपियों को कल मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश किया गया था जिसने उन्‍हें एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत से कहा कि उसे उनकी हिरासत की जरूरत है क्‍योंकि वह पहले से गिरफ्तार आरोपियों का सामना शनिवार को गिरफ्तार आरोपियों से कराना चाहती है।

एजेंसी ने कहा कि पांच आरोपियों से पूछताछ के दौरान छह और पतों का खुलासा हुआ जहां से अपराध संबंधी सामग्री बरामद हुई। एजेंसी ने दावा किया कि छानबीन के दौरान एक डायरी बरामद हुई जिससे उसे पता चला कि एक आरोपी ने एक अन्य आरोपी के लिए एक फ्लैट खरीदने के लिए 60 लाख रुपये नकद दिये थे।

सीबीआई ने दावा किया, ''इस मामले में ताजा बरामदगी होने की संभावना है.. आरोपी कंपनी (एंडेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड) को भारी अवैध फायदा पहुंचाया गया। हमारे पास आडियो क्लिप हैं जो सभी आरोपियों को एक दूसरे से जोड़ती हैं।'' सीबीआई ने अदालत से कहा कि कुछ आरोपी गवाहों को धमका रहे हैं और उनसे जांच में सहयोग नहीं करने के लिए कह रहे हैं।

नंदा के संबंध में एजेंसी का आरोप है कि उसने द्वेषपूर्ण मंशा से अन्य आरोपियों के साथ साजिश रची। सीबीआई ने दावा किया कि कौशिक ने द्वेषपूर्ण मंशा में कुमार की भी मदद की। इससे पहले सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कुमार गवाहों को धमका रहे हैं।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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