नई दिल्ली:
26/11 आतंकी हमलों के दोषी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली की आज मुंबई की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही चल रही है। फिलहाल हेडली शिकागो की जेल में बंद है। डेविड हेडली ने खुलासा किया है कि 2008 में 26/11 को मुंबई में किए गए आतंकी हमले से पहले सितंबर और अक्टूबर में भी ऐसी कोशिश की गई थी, लेकिन दोनों ही बार नाकामी हाथ लगी थी। एक बार तो नाव डूब गई थी। दूसरी बार के बारे में उसे जानकारी नहीं है।
कोर्ट में हेडली का ख़ुलासा
क्यों ख़ास है गवाही?
अमेरिकी जेल में सज़ा काट रहे हेडली से पहले भी अमेरिका जाकर NIA पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ में हेडली ने NIA को जो जानकारी दी है उसमें ख़ास है...
कोर्ट में हेडली का ख़ुलासा
- मैं लश्कर-ए-तैयबा का पक्का समर्थक था
- मैंने अपना नाम इसलिए बदला ताकि भारत में दाखिल हो सकूं। मैं अमेरिकी नाम से भारत में भारत में दाखिल होना चाहता था इसलिए अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड हेडली कर दिया।
- नया पासपोर्ट मिलने के बाद मैंने 9 बार भारत की यात्रा की
- 7 बार सीधे पाकिस्तान से और एक बार यूएई से भारत गया। भारत की यात्राओं में 7 बार मैं मुंबई गया
- मेरी पहली भारत यात्रा से पहले साजिद ने अपने मकसद के बारे में बताया
- साजिद मीर ने मुझसे मुंबई शहर का वीडियो बनाने को कहा
- 26/11 के हमले के बाद मैं 7 मार्च 2009 को लाहौर से दिल्ली गया था
- हेडली ने गवाही में हाफिज सईद का नाम भी लिया। उसने बताया कि वह उसके भाषण से प्रेरित होकर लश्कर में शामिल हुआ था।
- आईएसआई के संपर्क आने के बारे में हेडली ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित लंडीकोठाल में आईएसआई ने उसे गिरफ्तार किया। नशे के कारोबार के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था। यहीं पर वह आईएसआई के मेजर अली के संपर्क में आया मेजर अली ने उसे मेजर इकबाल से मिलवाया था। गौरतलब है कि इस 26/11 के हमले में मेजर इकबाल का नाम आता है।
- डेविड हेडली ने बताया कि 2008 में 26/11 को मुंबई में किए गए आतंकी हमले से पहले सितंबर और अक्टूबर में भी ऐसी कोशिश की गई थी, लेकिन दोनों ही बार नाकामी हाथ लगी थी। पहली बार सितंबर में समुद्र में पत्थर से टकराने के बाद नाव डूब गई थी। सवार लोग तो बच गए लेकिन गोला बारूद बरबाद हो गया। दूसरी बार के बारे में उसे याद नहीं है।
क्यों ख़ास है गवाही?
- पहली बार किसी विदेशी आतंकी की गवाही
- हेडली के बयान से 26/11 के सच से उठेगा पर्दा
- मास्टर माइंड हाफ़िज सईद की भूमिका का ख़ुलासा
- ISI और पाक सेना की भूमिका साफ़ होगी
- आपराधिक साज़िश का हेडली कर सकता है ख़ुलासा
- 10 दिसंबर 2015 को हेडली को गवाह बनाया गया
- कुछ शर्तों के साथ माफ़ी देकर गवाह बनाया गया
- अमेरिकी जेल में हेडली काट रहा है 35 साल की सज़ा
- 26/11 की साज़िश रचने, आतंकियों की मदद की सज़ा
अमेरिकी जेल में सज़ा काट रहे हेडली से पहले भी अमेरिका जाकर NIA पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ में हेडली ने NIA को जो जानकारी दी है उसमें ख़ास है...
- हाफ़िज सईद को मुंबई हमलों की जानकारी थी
- लश्कर के हमले से पहले हाफिज से रजामंदी
- मुंबई हमले के लिए ISI ने पूरी मदद की
- रेकी के लिए पैसा ISI के मेजर इक़बाल ने दिया
- ISI का इक़बाल और समीर था हेडली का हैंडलर
- ISI का ब्रिगेडियर रियाज़ था लखवी के हैंडलर
- हमले के बाद लखवी से जेल में मिला था ISI चीफ़
- पहले सिर्फ़ होटल ताज़ पर हमले की थी साज़िश
- मार्च 2008 में कई जगहों पर हमले का प्लान बना
- लश्कर ने अबु याक़ूब के नेतृत्व में नेवल विंग बनाया
- भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए नेवल विंग
- पाक हेंडलर्स को हेडली ने पहचाना
- साजिद, अबु अल कामा, अबु क़हफ़ा कर रहे थे आतंकियों से बात
- हमले से एक साल पहले नियामत शाह के जरिए हथियार पहुंचाए
- उप-राष्ट्रपति के घर, इंडिया गेट की हुई थी रेकी
- पहाड़गंज, CBI दफ्तर की भी हुई थी रेकी
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