Lung Cancer Signs: हर साल 1 अगस्त को वर्ल्ड लंग कैंसर डे मनाया जाता है. फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में कैंसर से संबंधित मौतों का एक प्रमुख कारण है. लंग कैंसर डे मनाने का उद्देश्य धूम्रपान, पर्यावरणीय कारकों और आनुवंशिक प्रवृत्तियों सहित फेफड़े के कैंसर से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. यह अर्ली डायग्नोस और इलाज के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है. ये हम सभी जानते हैं कि चाहे वह कोई भी कैंसर हो अगर अर्ली स्टेज में पहचान कर ली गई तो इलाज के सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो तब होती है जब फेफड़ों में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. अर्ली स्टेज में इसके लक्षण बहुत मामूली हो सकते हैं, जिससे इसका समय पर पहचान करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, कुछ शुरुआती लक्षण होते हैं जिन पर ध्यान देकर आप इसे डायग्नोस कर सकते हैं.
फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षण | Early Symptoms of Lung Cancer
1. लगातार खांसी
अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से खांसी हो रही है और यह समय के साथ बढ़ती जा रही है, तो यह फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है. खासकर अगर खांसी के साथ खून आना शुरू हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
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2. सांस लेने में कठिनाई
फेफड़ों में ट्यूमर के बढ़ने से श्वसन नलिका में रुकावट आ सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. अगर आप सामान्य एक्टिविटीज के दौरान या आराम के समय में भी सांस फूलने का अनुभव कर रहे हैं, तो यह चिंता का विषय हो सकता है.
3. छाती में दर्द
फेफड़ों के कैंसर से छाती में दर्द हो सकता है, जो गहरी सांस लेने, खांसने या हंसने के दौरान बढ़ सकता है. यह दर्द लगातार और तीव्र हो सकता है.
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4. वजन कम होना और भूख में कमी:
बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना और भूख में कमी आना भी फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. यह शरीर में कैंसर कोशिकाओं के कारण हो सकता है.
5. थकान
असामान्य थकान महसूस करना, जो आराम करने के बावजूद दूर नहीं होती, फेफड़ों के कैंसर का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है. यह थकान कैंसर कोशिकाओं के कारण शरीर की एनर्जी लेवल में कमी के कारण हो सकती है.
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6. निमोनिया या ब्रोंकाइटिस
फेफड़ों के कैंसर से फेफड़ों में बार-बार संक्रमण हो सकता है, जैसे कि निमोनिया या ब्रोंकाइटिस. अगर आपको बार-बार फेफड़ों का संक्रमण हो रहा है, तो यह संभावित रूप से कैंसर का संकेत हो सकता है.
7. आवाज में बदलाव
फेफड़ों के कैंसर से आवाज में बदलाव आ सकता है, जैसे कि आवाज का भारी या कर्कश होना. यह स्थिति तब होती है जब ट्यूमर वोकल कॉर्ड्स पर दबाव डालता है.
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अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें. प्रारंभिक जांच और डायग्नोस से फेफड़ों के कैंसर का इलाज करना ज्यादा प्रभावी हो सकता है और जीवित रहने की संभावना बढ़ सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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