- नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से पहले शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना (घटस्थापना) करें.
- मां शैलपुत्री की पूजा में सफेद रंग का खास महत्व है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद प्रिय है. इसलिए इनकी पूजा में सफेद फूल, सफेद रंग के भोग का इस्तेमाल करना शुभ होता है.
- घर के पूजा स्थल पर पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा में किसी चौकी पर लाल रंग के वस्त्र बिछाकर उसे गंगाजल से अभिषिक्त कर उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.
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- माता शैलपुत्री को पान, सुपारी, सफेद चंदन, नारियल, लौंग, पान, सुपारी, कुमकुम, सौलह श्रृंगार, इत्यादि अर्पित करें.
- मां शैलपुत्री को भोग में मीठे रसगुल्ले या बर्फी का भोग लगाएं. इसके साथ ही उन्हें घी से बनी चीजें अर्पित करें.
- धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का ध्यान करते हुए 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:' इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
किस रंग के कपड़े पहनकर करें मां शैलपुत्री की पूजा
माता शैलपुत्री की पूजा में सफेद रंग का खास महत्व है. शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा सफेद रंग के वस्त्र पहनकर करना चाहिए. ऐसा करने से मां शैलपुत्री का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा.
मां शैलपुत्री पूजा मंत्र | Shailputri Puja Mantra
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरम्। वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।। पूणेन्दु निभां गौरी मूलाधार स्थितां प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्॥
मां शैलपुत्री आरती | Shailputri Aarti
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिंदूर विराजत
टीको मृगमद को
उज्ज्वल से दोउ नैना
चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर
रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला
कंठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत
खड्ग खप्पर धारी
सुर-नर-मुनिजन सेवत
तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित
नासाग्रे मोती
कोटिक चंद्र दिवाकर
सम राजत ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
शुंभ-निशुंभ बिदारे
महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना
निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे
शोणित बीज हरे
मधु-कैटभ दोउ मारे
सुर भयहीन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रह्माणी, रूद्राणी
तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी
तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत
नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा
अरू बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता
तुम ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता
सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित
वर मुद्रा धारी (खड्ग खप्पर धारी)
मनवांछित फल पावत
सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन थाल विराजत
अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत
कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अंबेजी की आरती
जो कोइ नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी
सुख-संपति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)