अभिनेता से नेता बने और पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्रियों को चुने जाने के लिए 75 वर्ष की उम्र सीमा निर्धारित किए जाने से असहमति जताई।
पटना साहिब से दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुने गए सिन्हा ने कहा, मंत्री के रूप में व्यक्ति की नियुक्ति के लिए 75 वर्ष की उम्र निर्धारित किए जाने से मैं सहमत नहीं हूं।
अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे 67-वर्षीय शत्रुघ्न सिन्हा ने इस तरह से उम्र तय किए जाने पर अपनी असहमति जताई। उन्होंने कहा, उम्र के स्थान पर योग्यता मानसिक जागरूकता और स्वास्थ्य होना चाहिए। कई दफा आडवाणी को अपना 'राजनीतिक गुरु' बताने वाले सिन्हा ने कहा, यहां तक कि 86 की उम्र में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की याददाश्त बहुत तेज है और 40 वर्ष के व्यक्ति जैसी ऊर्जा उनमें है।
उन्होंने कहा, आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की मानसिक जागरूकता और गतिविधियों पर कौन सवाल उठा सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो 50 की उम्र में सुस्त पड़ जाते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी बहुत प्रतिभाशाली हैं और किसी भी पद के लिए पूरी तरह से योग्य हैं। आडवाणी को स्पीकर होना चाहिए अथवा नहीं यह उनकी पसंद है। केवल स्पीकर पद के लिए ही नहीं, वह कैबिनेट में सभी पदों के लिए योग्य हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं