झारखंड और जम्मू-कश्मीर चुनावों से बीजेपी एक बार फिर मज़बूत होकर उभरी है, लेकिन ये बदलाव बढ़त के उन संकेतों के मुकाबले कम है जो लोकसभा चुनावों में मिले थे।
झारखंड में लोकसभा चुनावों की नजर से देखें तो बीजेपी को 58 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी, जबकि विधानसभा चुनावों में पार्टी को करीब 20 सीटें कम आईं और पार्टी को यह झटका बीते सात महीने में झेलना पड़ा।
अगर वोट में हिस्सेदारी की बात करें तो झारखंड में बीजेपी को लोकसभा चुनावों में 40.71% वोट मिले थे, जबकि इस बार विधानसभा चुनावों में 31.3% वोट मिले। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को लोकसभा चुनावों में 9.42% वोट मिले थे, जबकि विधानसभा चुनावों में 20.5% वोट मिले।
करीब-करीब यही ट्रैंड जम्मू-कश्मीर के चुनावों में भी देखने को मिला है। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 32.65% वोट मिले थे, जो विधानसभा चुनावों में घटकर 23% रह गया, जबकि क्षेत्रीय दल पीडीपी को लोकसभा चुनावों में 20.72 % वोट मिले थे, जो विधानसभा चुनावों में बढ़कर 22.7% हो गया।
ये आंकड़े बताते हैं कि पिछले सात महीने में झारखंड और जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बदलाव दिखा है। दोनों ही राज्यों में राष्ट्रीय पार्टियों की जगह क्षेत्रीय पार्टियां इन सात महीनों में मज़बूत होती दिख रही हैं, जो आने वाले समय में केंद्र की राजनीति को प्रभावित कर सकती है।
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